एससी/एसटी एक्ट में संशोधन का आदेश देने वाले सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस एके गोयल को एनजीटी का चेयरमैन बनाए जाने के खिलाफ राम विलास पासवान के आवास पर एनडीए के दलित सांसदों की बैठक के बाद चिराग पासवान ने मोदी सरकार को चेतावनी दी है. चिराग पासवान ने कहा कि अगर मोदी सरकार मानसून सत्र में एससी/एसटी एक्ट को मजबूती देने के लिए अध्यादेश नहीं लाई तो एलजेपी कुछ भी कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस गोयल और जस्टिस यूयू ललित की दो सदस्यीय पीठ ने 20 मार्च को एक फैसले में एससी-एसटी एक्ट में गिरफ्तारी संबंधी संशोधन का आदेश दिया था. जिसके विरोध में 2 अप्रैल को दलितों ने भारत बंद बुलाया था.
नई दिल्ली. एससी/एसटी एक्ट में संशोधन करने वाले जस्टिस एके गोयल को लेकर एनडीए में दलित नेता नाराज हैं. बीजेपी के दलित सांसदों और मंत्रियों ने हाल ही में लोक जनशक्ति पार्टी अध्यक्ष रामविलास पासवान के घर मीटिंग कर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के चेयरमैन बनाए गए जस्टिस एके गोयल को हटाने की मांग की थी. इसके साथ ही दलित एट्रोसिटी एक्ट को मजबूत करने के लिए मानसून सत्र में ही अध्यादेश लाकर सख्त कानून पास करने की मांग की थी. अब राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने एससी/एसटी एक्ट को लेकर बड़ा बयान दिया है.
एससी/एसटी को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि अब दलितों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. अगर नौ अगस्त से पहले हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो दलित सेना मजबूरन सड़क पर उतरेगी. ऐसे में लोक जनशक्ति पार्टी कोई भी निर्णय ले सकती है. केंद्र सरकार को मानसून सत्र में ही एससी/एसटी एक्ट को मजबूती देने वाला अध्यादेश लाकर कानून पास करना चाहिए.
चिराग पासवान ने कहा कि एलजेपी ने बीजेपी को इस आश्वासन पर समर्थन दिया था कि वह दलित/आदिवासी समुदाय के हितों की रक्षा करेगी. अगर ऐसा नहीं होता तो एलजेपी कोई भी निर्णय ले सकती है. हालांकि, मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा है. उन्होंने दलितों के लिए काफी काम किया है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस गोयल और जस्टिस यूयू ललित की दो सदस्यीय पीठ ने इसी साल 20 मार्च को एससी/एसटी एक्ट पर फैसला सुनाया था जिसमें इसके दुरुपयोग को लेकर फिल्टर लगाने के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने इस अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक के आदेश दिये थे.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ 2 अप्रैल को दलित संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया था. इसके बाद देशभर में दलित सड़कों पर उतरे थे. इस दौरान कई राज्यों में हिंसा हुई जिसमें 9 लोगों की जान चली गई थी. अब एनडीए के करीब 25 दलित सांसदों ने रामविलास पासवान के आवास पर मीटिंग कर मोदी सरकार से मानसून सत्र में इस एक्ट पर अध्यादेश लाने की मांग की थी. इसके साथ ही एससी/एसटी एक्ट पर फैसला देने वाले जस्टिस एके गोयल को सेवानिवृत्ति के बाद एनजीटी का चेयरमैन बनाए जाने पर आपत्ति जताई थी. वहीं राम विलास पासवान ने मांगें पूरी नहीं होने पर 9 अगस्त को फिर दलितों का भारत बंद बुलाया है.