एयरसेल-मैक्सिस डील से जुड़ी कथित अनियमितताओं के सिलसिले में ईडी अधिकारियों ने दिल्ली और चेन्नई स्थित पांच जगहों पर छापेमारी की. इनमें से एक ठिकाना दिल्ली के जंगपुरा में, जबकि चार अन्य चेन्नई में है
नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार छापेमारी की है. इससे पहले ईडी ने साल 2007 के आईएनएक्स मीडिया को दी गई एफआईपीबी मंजूरी में कथित तौर पर अनियमितता से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में समन जारी किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एयरसेल-मैक्सिस डील से जुड़ी कथित अनियमितताओं के सिलसिले में ईडी अधिकारियों ने दिल्ली और चेन्नई स्थित पांच जगहों पर छापेमारी की. इनमें से एक ठिकाना दिल्ली के जंगपुरा में, जबकि चार अन्य चेन्नई में है. वहीं सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि छापेमारी के बाद ईडी के अधिकारी इन जगहों से निकल गए हैं.
वहीं कांग्रेसी नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इस मामले में कहा कि सीबीआई या किसी दूसरी एजेंसी द्वारा एयरसेल-मैक्सिस डील मामले कोई एफआईआर नहीं हुई है. चिदंबरम ने कहा कि मुझे उम्मीद थी कि वे चेन्नई में परिसर की खोज करेंगे, लेकिन जोर बाग (दिल्ली में) में छापेमारी हास्यास्पद है. साथ ही अधिकारियों ने मुझे बताया कि उन्होंने सोचा था कि कार्तिक इस घर के मालिक हैं, लेकिन वे नहीं हैं. इस छापेमारी के बारे में चिदंबरम ने कहा कि इस छापेमारी में ईडी अधिकारियों को कुछ भी ऐसा नहीं मिला है जोकि काम का हो, वो कुछ साल पहले संसद में सरकार द्वारा दिए गए बयान के कागजात अपने साथ ले गए हैं. साथ ही ईडी को पीएमएलए के तहत जांच का कोई अधिकार नहीं है.
इससे पहले कहा जा रहा है कि छापेमारी के समय पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम मौजूद नहीं थे. कार्ति को 11 जनवरी को 2जी घोटाले से जुड़े एयरसेल मैक्सिस डील मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार झेलनी पड़ी थी. इसके पहले सितंबर 2017 में ईडी ने कार्ति चिदंबरम की दिल्ली और चेन्नई में कई संपत्तियां जब्त की थी. जांच के दौरान ED को पता चला कि एयरसेल मैक्सिस केस में FIPB अप्रूवल पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा दिया गया था.
बता दें कि कार्ति पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिसमें आईएनएक्स मीडिया और इनके निदेशकों पीटर व इंद्राणी मुखर्जी व अन्य के नाम शामिल हैं. कार्ति चिदंबरम पर एफआईपीबी की मंजूरी दिलाने में सहायता के लिए कथित तौर पर आईएनएक्स मीडिया (अब 9एक्स मीडिया) से 3.5 करोड़ रुपये प्राप्त करने का आरोप है. उस दौरान आईएनक्स के संचालक पीटर व इंद्राणी मुखर्जी थे.