पटना। बिहार में शराबबंदी के बाद भी खुलेआम शराब बिकना नीतीश कुमार के इस फैसले पर सवाल उठा रहा है कि, आखिर शराबबंदी क्यों की गई थी। क्योंकि, इस दौरान शराब से काफी कालाधन बिहार के भीतर आ रहा है। लेकिन नीतीश ने साफ कर दिया है कि बिहार मे शराबबंदी कानून को खत्म नहीं किया जाएगा। जेडीयू की सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने शराबबंदी कानून की समीक्षा करने की मांग की है, जिसको लेकर इस महागठबंधन मे सियासी घमासान मच सकता है।
सीएम नीतीश कुमार ने पटना में अधिवेशन के दौरान शराबबंदी पर खुल कर बात की उन्होने कहा कि, शराब पीकर इंसान हैवान हो जाते है इसलिए बिहार में शराबबंदी खत्म नहीं होगी। दूसरी ओर जेडीयू की सहयोगी कांग्रेस ने इस कानून में समीक्षा की मांग की है। कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि शराबबंदी के बावजूद बिहार की सड़कों में खुलेआम शराब बिक रही है सरकारी पदाधिकारी भी इस तस्करी में शामिल हैं उन पर सख्त कार्रवाई के साथ-साथ कानून की समीक्षा की आवश्यकता है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के मुखिया जीतनराम मांझी ने भी शराबबंदी पर सवाल उठाए थे। मांझी भी इस सरकार में जेडीयू के सहयोगी हैं। पिछले दिनों मांझी ने ताड़ी को शराबबंदी से बाहर निकालने की मांग की थी। साथ ही सरकार को सलाह दी थी कि, मौजूदा सरकार दारू पीने वालों से ज्यादा उन लोगों पर नकेल कसने का काम करे जो शराब की तस्करी कर रहे हैं। साथ ही उन्होने कहा कि शराबबंदी के केस मे गरीब लोगों को जेल मे डालना सही नहीं है।
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