Kargil Vijay Diwas: आज देश करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है। अपने महान नायकों को श्रद्धांजलि देने के लिए पीएम मोदी खुद कारगिल में मौजूद हैं। जांबाजों के साहस और शौर्य को याद करते हुए पीएम ने करगिल वॉर मेमोरियल में शहीदों को श्रद्धांजलि दी और उनके शहादत को याद किया। इस […]
Kargil Vijay Diwas: आज देश करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है। अपने महान नायकों को श्रद्धांजलि देने के लिए पीएम मोदी खुद कारगिल में मौजूद हैं। जांबाजों के साहस और शौर्य को याद करते हुए पीएम ने करगिल वॉर मेमोरियल में शहीदों को श्रद्धांजलि दी और उनके शहादत को याद किया। इस मौके पर पीएम ने अग्निवीर को लेकर विपक्ष के आरोपों पर पलटवार किया।
पीएम ने कहा कि कुछ लोग ये भ्रम फैला रहे हैं कि सरकार पेंशन के पैसे बचाने के लिए ये योजना लेकर आई। मैं ऐसे लोगों से पूछना चाहता हूं कि आज की भर्तियों के लिए पेंशन का प्रश्न तो 30 साल बाद उठेगा। सरकार आज क्यों उसके लिए फैसला लेती? उसे तबकी सरकारों के लिए छोड़ती।
हमने सेनाओं द्वारा लिए गए इस फैसले का सम्मान किया है क्योंकि हमारे लिए राजनीति नहीं, देश की सुरक्षा सर्वोपरि है। ये लोग अग्निपथ के नाम पर देश के युवाओं को गुमराह कर रहे हैं। उनका इतिहास साक्षी है कि उन्हें सैनिकों की कोई परवाह नहीं है। ये वही लोग हैं जिन्होंने 500 करोड़ रुपए दिखाकर वन रैंक वन पेंशन पर झूठ बोला था।
#WATCH | PM Narendra Modi says, “…Agnipath scheme is also an example of the necessary reforms done by the Army…Some people used to think that the Army means saluting politicians, doing parades but for us, Army means the faith of 140 crore countrymen. The goal of Agnipath is… pic.twitter.com/oF3ZV7Fnp8
— ANI (@ANI) July 26, 2024
पीएम ने आगे कहा कि ये हमारी सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन लागू किया। पूर्व सैनिकों को सवा लाख करोड़ रुपए से ज्यादा दिए। इन लोगों ने आजादी के 7 दशक बाद भी शहीदों के लिए वॉर मेमोरियल नहीं बनाया। इन्होने सीमा पर तैनात हमारे जवानों को पर्याप्त बुलेटप्रूफ जैकेट्स भी नहीं दी थीं। इन्होंने सेनाओं में हजारों करोड़ के घोटाले करके हमारी आर्मी को कमजोर किया।
इन्होंने पूरी कोशिश की कि एयरफोर्स को कभी आधुनिक फाइटर जेट ना मिल पाएं। इन्होंने तो तेजस फाइटर प्लेन को भी डिब्बे में बंद करने की तैयारी कर ली थी। अग्निपथ स्कीम सेना द्वारा किए गए जरूरी रिफॉर्म्स का उदाहरण है। दशकों से संसद से लेकर अनेक कमिटीज तक सेनाओं को युवा बनाने पर चर्चाएं होती रही हैं। भारत के सैनिकों की औसत आयु ग्लोबल एवरेज से ज्यादा है, जो चिंता का विषय रहा। अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना है।
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