MHA Snooping Notification: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 20 दिसंबर को यह आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया कि देश की 10 बड़ी जांच एजेंसियां अब किसी के भी कंप्यूटर से जानकारी हासिल कर सकती हैं और मना करने पर उस शख्स को 7 साल जेल हो सकती है.
नई दिल्ली. देश की 10 केंद्रीय एजेंसियों को आपके कंप्यूटर पर जासूसी करने का अधिकार मिल गया है. अब इंटेलिजेंस ब्यूरो से लेकर एनआईए आपके कंप्यूटर से जारी हुई, भेजी गई, रिसीव या स्टोर्ड इन्फॉर्मेशन को मॉनिटर या इंटरसेप्ट कर सकते हैं. गृह मंत्रालय ने 20 दिसंबर को यह आदेश जारी किया है. जिन एजेंसियों को यह अधिकार दिया गया है, उनमें इंटेलिजेंस ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर टैक्सेज, डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस, सीबीआई, एनआईए, कैबिनेट सेक्रेटेरिएट (रॉ), डायरेक्टोरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस (जम्मू-कश्मीर, नॉर्थ-ईस्ट और असम के लिए) और दिल्ली पुलिस के कमिश्नर शामिल हैं.
गृह मंत्रालय के इस आदेश के मुताबिक सब्सक्राइबर, सर्विस प्रोवाइडर या कंप्यूटर का मालिक अगर जांच एजेंसियों को सूचना मुहैया कराने से इनकार करता है तो उसे जुर्माना के अलावा 7 साल जेल हो सकती है. गृह मंत्रालय के साइबर सिक्योरिटी एंड इन्फॉर्मेशन डिपार्टमेंट ने आईटी एक्ट के सेक्शन 69 (1) के तहत देश की इन 10 एजेंसियों को किसी का भी कंप्यूटर डेटा खंगालने का आदेश दिया है.
मोदी सरकार का नोटिफिकेशन:
कांग्रेस ने साधा निशाना: नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले की निंदा भी शुरू हो गई है. एनसीपी के नेता माजिद मेमन ने कहा कि यह आदेश आम जनता की प्राइवेसी में दखल है. कैसे कोई एजेंसी किसी के मकान में घुसकर उसके कंप्यूटर को खंगाल सकती है. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी के नारे की तर्ज पर निशाना साधते हुए कहा- अबकी बार , निजता पर वार. कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि एजेंसियों को जो अधिकार दिए गए हैं, वह चिंताजनक हैं. इसका दुरुपयोग हो सकता है.
https://twitter.com/funny_attorney/status/1076019366586572802
अबकी बार,निजता पर वार!
Modi Govt mocks & flouts Fundamental ‘Right to Privacy’ with brazen impunity!
Having lost elections,now Modi Govt wants to scan/snoop YOUR computers?
‘Big Brother Syndrome’ is truly embedded in NDA’s DNA!
जनता की जासूसी=मोदी सरकार की निन्दनीय प्रवृत्ति! pic.twitter.com/qCe1IocgY8
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) December 21, 2018