Delhi Police Vs Lawyers Protest Highlights: Delhi ke police commissioner ko bheja Notice: दिल्ली पुलिस के प्रदर्शन के खिलाफ दिल्ली पुलिस कमिश्नर को लीगल नोटिस भेजा गया है. इसमें उनसे पूछा गया है कि प्रदर्शन कर रहे पुलिस जवानों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं. ये नोटस सुप्रीम कोर्ट के वकील वरुण ठाकुर ने भेजा है. बता दें कि तीस हजारी बवाल व साकेत कोर्ट के बाहर पुलिसकर्मी की पिटाई के बाद दिल्ली पुलिस के जवान मंगलवार को पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन करने पहुंचे थे.
नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस के जवानों के प्रदर्शन खिलाफ दिल्ली पुलिस कमिश्नर को लीगल नोटिस भेजा गया है. सुप्रीम कोर्ट के वकील वरुण ठाकुर ने नोटिस भेजा है. कल पीएचक्यू पर हुए धरना प्रदर्शन को लेकर नोटिस भेजा गया है. नोटिस में लिखा कि पुलिस के आला अधिकारीयों ने भी वकीलों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया. इसके अलावा नोटिस में मांग की गई है कि धरने में शामिल पुलिस वालों की पहचान कर उनके खिलाफ करवाई की जाए. नोटिस में कहा गया कि पुलिस का इस तरह से प्रदर्शन लोगों के मन में डर पैदा करता है और ये लोकतंत्र कर लिए खतरनाक है. उन्होंने दिल्ली पुलिस बलों और उनके अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर नोटिस भेजा है. बता दें कि 5 नवंबर को पुलिस मुख्यालय, आईटीओ के सामने पुलिस जवानों ने प्रदर्शन में सक्रिय रूप से भाग लिया था.
नोटिस में गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाना और पुलिस बल रिस्ट्रिक्शन ऑफ राइट्स एक्ट 1966 के सेक्शन 3(1) (a)(b)(c) और 3(2) का उल्लंघन होने के खिलाफ लिखा है. इन धाराओं के अनुसार पुलिस बल को इस तरह की किसी भी गतिविधि में भाग लेने से मनाही है. कहा गया है कि इन सभी के बावजूद पूरे दिन पुलिस जवान सार्वजनिक स्थलों पर अवैध गतिविधि करते रहे. कहा गया कि पुलिस बल द्वारा इस तरह की गतिविधि हमारे जैसे लोकतांत्रिक देश के लिए खतरा है. इसलिए यह मांग की जा रही है कि प्रदर्शन करने वाले पुलिस बलों पर कार्रवाई की जाए.
यहां पढ़ें Delhi Police Vs Lawyers Live Updates:
दोपहर 3.45 बजे: दिल्ली हाईकोर्ट से केंद्र और दिल्ली पुलिस को झटका, दोनों की याचिकाएं खारिज, कोर्ट ने मीडिया कवरेज पर रोक लगाने से भी किया इनकार
दोपहर 2.45 बजे: बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा, हमारी मांग है कि दोषी पुलिस अधिकारियों को 1 सप्ताह की अवधि के भीतर गिरफ्तार किया जाए, जिसमें बार एकजुट है और हम इन लोगों की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए शांतिपूर्ण ‘धरना’ का सहारा लेंगे.
दोपहर 2.30 बजे: मीनू चौधरी, ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (ट्रैफिक ऑपरेशंस) पुलिस स्टाफ के एक विरोध प्रदर्शन के बाद ड्यूटी पर लौट रही हैं. उन्होंने कहा दिल्ली पुलिस के सभी जवान आज काम पर हैं. हम एक अनुशासित बल हैं, हम अपनी जिम्मेदारियों के बारे में जानते हैं और किसी भी परिस्थिति में उन्हें पूरा करते हैं.
दोपहर 2 बजे: बार काउंसिल ऑफ इंडिया का कहना है कि हमने दिल्ली पुलिस द्वारा कल की अनियंत्रित भीड़, विरोध प्रदर्शनों और गंदी गालियों पर मीडिया रिपोर्टों को देखा है. स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे काला दिन था. निश्चित रूप से यह एक राजनीतिक रूप से प्रबंधित कदम की तरह लग रहा था और यह बहुत दुखद है.
दोपहर 12.45 बजे: दिल्ली में पुलिस मुख्यालय में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीआरपीएफ को तैनात किया गया है. कल दिल्ली पुलिस के जवानों ने 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में वकीलों के साथ झड़प को लेकर मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन किया.
दोपहर 12.30 बजे: भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) एसोसिएशन ने कहा, हम पुलिस कर्मियों के खिलाफ तीस हजारी कोर्ट में हिंसा की निंदा करते हैं और संबंधितों से हिंसा के अपराधियों को न्याय दिलाने का आग्रह करते हैं. आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) एसोसिएशन के हमारे सहयोगियों को हमारा दृढ़ समर्थन है.
Indian Foreign Service (IFS) Association: We condemn the violence at Tis Hazari Court against police personnel and urge the concerned to bring the perpetrators of violence to justice. Our colleagues from IPS (Indian Police Service) Association have our steadfast support.
— ANI (@ANI) November 6, 2019
दोपहर 12.15 बजे: दिल्ली में तीस नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच झड़प के विरोध में वकीलों की हड़ताल का तीसरा दिन है. साकेत कोर्ट के बाहर वकील प्रदर्शन कर रहे हैं.
Delhi: Lawyers strike enters third day in protest against the clash between police & lawyers at Tis Hazari Court on November 2. (Visuals from Saket Court) pic.twitter.com/wVULOeFsiF
— ANI (@ANI) November 6, 2019
दोपहर 12 बजे: दिल्ली में विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) दिल्ली पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ, अतिरिक्त सीपी (अपराध) सहित पुलिस हेड क्वार्टर में एक बैठक आयोजित करेंगे, जो दिल्ली हाई कोर्ट में आज दायर होने वाली तीस हजारी कोर्ट घटना के आदेश के बारे में समीक्षा याचिका के लिए है.
सुबह 11.45 बजे: दिल्ली में 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई झड़प के विरोध में वकीलों की हड़ताल का तीसरा दिन है. रोहिणी कोर्ट के एक वकील का कहना है, हमारी लड़ाई केवल उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ है जिन्होंने हम पर गोली चलाई थी और उस दिन लाठीचार्ज किया था. हम करेंगे गिरफ्तारी तक विरोध.
सुबह 11.30 बजे: किरण बेदी ने एक ट्वीट करके कहा, नेतृत्व एक ’चरित्र’ है जो जिम्मेदारी लेता है और कठोर निर्णय लेता है. यह कुछ करने का एक जीवन है. कठिन समय चला जाता है लेकिन इसकी याद रह जाती है.
Good #MorningNutrition
Leadership is a ‘Character’ that takes responsibility and takes tough decisions.
It is a ‘life’ of ‘doing’…
Tough times go, Memories of Tough Acts Remain.— Kiran Bedi (@thekiranbedi) November 6, 2019
सुबह 11.15 बजे: दिल्ली में पुलिस आयुक्त, अमूल्य पटनायक और दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त राजेश खुराना ने दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ, लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल के आवास पर एक बैठक की.
सुबह 11 बजे: रोहिणी कोर्ट के बाहर एक वकील ने आत्मदाह की कोशिश की. वकील आज रोहिणी कोर्ट के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. वकील पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
सुबह 10.45 बजे: किरण बेदी ने एक बयान में कहा, जब पुलिस पुरुष और महिलाएं निष्पक्ष, निडर और जिम्मेदारी से अपना कर्तव्य निभाते हैं, तो उन्हें अपने नागरिकों की रक्षा करने की आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी जूनियर्स का साथ दें.
सुबह 10.30 बजे: कोर्ट में आज दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच हुई झड़प के मामले की सुनवाई होगी.
सुबह 10.15 बजे: आज वकील रोहिणी कोर्ट के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. वकील प्रदर्शन कर रहे पुलिस वालों के खिलाफ इसे गैर कानूनी बताकर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
सुबह 10.00 बजे: मंगलवार को पुलिस जवानों ने धरना-प्रदर्शन किया. पुलिस मुख्यालय के बाहर ये प्रदर्शन किया गया जिसमें कुछ पुलिसकर्मी वर्दी में थे तो कुछ सादे कपड़ों में. पुलिसकर्मियों के परिजन भी प्रदर्शन में शामिल थे. प्रदर्शन में उन्होंने तख्तियां पकड़ी थीं जिनपर लिखा था बेबस खाकी, कौन सुनेगा किसको सुनाएं, खाकी वर्दी में हम इंसान हैं, अपराधियों को दंड दो, हमें इंसाफ चाहिए, रक्षा करने वालों को सुरक्षा की जरूरत, पुलिस के लिए कोई मानवाधिकार नहीं.
A Supreme Court lawyer serves a legal notice to Commissioner of Police, Delhi for, "not taking action against the Delhi Police Forces and their officials, who actively participated in the demonstration on November 5 in front of Police Headquarters, ITO." pic.twitter.com/Bz87RXwUh4
— ANI (@ANI) November 6, 2019
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