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मिल्कीपुर छोड़ो अब अखिलेश करहल नहीं बचा पाएंगे! सपा के लोग ही हराएंगे उपचुनाव

मिल्कीपुर छोड़ो अब अखिलेश करहल नहीं बचा पाएंगे! सपा के लोग ही हराएंगे उपचुनाव

लखनऊ/नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में विधानसभा के उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं. इस चुनाव मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट सबसे ज्यादा चर्चा में है. करहल सीट समाजवादी पार्टी की मजबूत गढ़ मानी जाती है. दो दिन पहले तक तो सपा इस सीट पर एकतरफा जीत रही थी लेकिन 24 अक्टूबर को भाजपा ने अनुजेश यादव को यहां से उतार दिया. अनुजेश अखिलेश के बहनोई लगते हैं और साथ में यादव भी हैं. इस तरह से बीजेपी ने यहां पर परिवार में सेंध भी लगा दिया और यादव कार्ड भी खेल दिया.

सपा समर्थक ही करेंगे खेला

करहल सीट पर अब लड़ाई सपा-बीजेपी में न रहकर यादव बनाम यादव और परिवार के बीच में ही हो गई है. बताया जा रहा है कि सपा के समर्थक रहे लोग भी इस बार बार बीजेपी के साथ जा रहे हैं. बीजेपी ने इस सीट को जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. अखिलेश भी कमान संभाले हुए हैं. भतीजे तेज प्रताप के नामांकन के दौरान भी वो मौजूद रहे. मैनपुरी सांसद डिंपल यादव भी लगातार चुनावी कैंपेनिंग कर रही हैं. सपा हर जगह जाकर मैसेज देने में लगी हुई है कि ये सीट हमारी थी, हमारा परिवार है और जीतना भी हमें ही है.

करहल का समीकरण जानें

बता दें कि करहल सीट पर ओबीसी वोटर्स निर्णायक होते हैं. यहां 55 फीसदी ओबीसी, जनरल 20 फीसदी, मुस्लिम 5 फीसदी, SC 18 फीसदी, अन्य 2 प्रतिशत हैं. यहां 1.75 लाख महिला और 2.07 लाख पुरुष मतदाता हैं. बीजेपी इस बार यहां पर 2002 का फॉर्मूला से खेल रही है. यह फार्मूला सही हो गया तो रिजल्ट पर असर दिखाई दे सकता है. 22 साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में यादव बनाम यादव फार्मूला अपनाकर भाजपा जीत चुकी है. उस समय सपा के अनिल यादव और भाजपा के सोबरन सिंह यादव के बीच जबरदस्त टक्कर हुआ था. मुलायम-शिवपाल सबने दिन रात मेहनत की लेकिन भाजपा के सोबरन यादव 952 वोट से जीत गए.

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