नई दिल्ली: रोशनी का त्योहार दिवाली न केवल अंधेरे पर प्रकाश की जीत का जश्न है, बल्कि आध्यात्मिक महत्व का भी समय है। इस साल दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का शुभ अवसर पांच राजयोगों के साथ मेल खाने वाला है, जिससे सकारात्मक ऊर्जाओं का संगम बनेगा जो हिंदू परंपरा में बहुत महत्व रखता है। माना […]
नई दिल्ली: रोशनी का त्योहार दिवाली न केवल अंधेरे पर प्रकाश की जीत का जश्न है, बल्कि आध्यात्मिक महत्व का भी समय है। इस साल दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का शुभ अवसर पांच राजयोगों के साथ मेल खाने वाला है, जिससे सकारात्मक ऊर्जाओं का संगम बनेगा जो हिंदू परंपरा में बहुत महत्व रखता है।
राजयोग, जिसे अक्सर “योगों का राजा” कहा जाता है। एक साथ पांच राजयोगों का घटित होना एक असाधारण घटना है, ऐसा कहा जाता है कि यह एक महत्वपूर्ण अवधि के बाद ही घटित होता है, जिससे यह दिवाली भक्तों के लिए विशेष रूप से विशेष हो जाती है।माना जाता है कि दिवाली की लक्ष्मी पूजा के दौरान बनने वाले पांच राजयोग समृद्धि, प्रचुरता और आध्यात्मिक जागृति की स्थिति लाते हैं।
लक्ष्मी पूजा के दौरान धन योग में योगदान देने वाले ग्रहों का स्थिति, धन और समृद्धि की देवी, देवी लक्ष्मी के आह्वान के लिए एक शुभ समय का संकेत देता है। भक्तों का मानना है कि यह संरेखण वित्तीय कल्याण और प्रचुरता के लिए प्रार्थना की शक्ति को बढ़ाता है।
2. राजयोग (शाही योग):
राजयोग अधिकार, शक्ति और सफलता से जुड़ा है।
3. धर्म कर्म अधिपति योग:
यह योग धार्मिक कार्यों और धर्म के पालन के सकारात्मक प्रभावों को बढ़ाता है।
4. धन आकर्षण योग:
धन आकर्षण योग में योगदान देने वाले ग्रहों के प्रभावों का संयोजन धन और प्रचुरता को आकर्षित करने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
5. सर्वार्थसाधक योग:
यह योग इच्छाओं की पूर्ति और समग्र कल्याण प्राप्त करने से जुड़ा है।
भक्तों से यह कहा जाता है कि वे सच्चे मन से प्रार्थना करके, भक्तिपूर्वक लक्ष्मी पूजा करके और प्राप्त आशीर्वाद के लिए आभार व्यक्त करके इस शुभ अवसर का अधिकतम लाभ उठाएँ। दिवाली पर इन राजयोगों का दुर्लभ संगम उत्सव की भावना को बढ़ाता है, जिससे इस वर्ष का उत्सव विश्वासियों के लिए एक असाधारण और आध्यात्मिक रूप से उत्साहित अनुभव बन जाता है।
इस साल दिवाली की पूजा का शुभ मुहूर्त 12 नवंबर की शाम 5 बजकर 40 मिनट से लेकर 7 बजकर 36 मिनट तक है और लक्ष्मी पूजा के लिए महानिशीथ काल मुहूर्त रात 11 बजकर 39 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 31 मिनट तक है। इस मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है और कहा जाता है कि इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से जीवन में अपार सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती हैं।