नई दिल्ली. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को पुलिस और वकीलों के बीच झड़प की नई फुटेज में एक वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारी के साथ बदसलूकी दिखाई दे रही है. कथित तौर पर इस घटना के दौरान महीला अधिकारी के साथ मारपीट की गई थी, जिसने बड़ी संख्या में भीड़ को रोकने और धक्का देने से पहले बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की थी. सीसीटीवी कैमरे का फुटेज सामने आया है. इसमें दिख रहा है कि वकीलों ने तीस हजारी कोर्ट परिसर में एक कमरे के बाहर वाहनों में आग लगाने की कोशिश की, जिसमें पुलिसकर्मियों के एक समूह ने खुद को उग्र भीड़ से बचाने के लिए खुद को बंद कर लिया था. हाल ही में आई वीडियो में महिला पुलिस अधिकारी को वकीलों के सामने हाथ जोड़कर विनती करते हुए देखा जा सकता है क्योंकि आग चारों तरफ जल रही थी.
वीडियो में महिला अधिकारी को पुलिस के छोटे समूह के मुखिया के पास जाते हुए दिखाया गया है, जो कुछ ही सेकंड में वकीलों की भीड़ से घिर गए. जैसा कि कैमरा थोड़ा सा हिला तो दिख रहा है कि और भी अधिक वकील भाग रहे हैं. विरोध प्रदर्शन के दौरान, जूनियर पुलिसकर्मियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर उनकी रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया. एक सिपाही का कहना है, मैडम को बचाने की कोशिश करने पर मुझे बुरी तरह पीटा गया. उन्होंने कहा कि उन्हें धक्का दिया गया. उनके साथ दुर्व्यवहार किया. उन्हें कंधे और कॉलर को घसीटा गया. इसमें शामिल सभी लोग पुरुष थे. उनके साथ मौखिक रूप से बहुत बुरी तरह से दुर्व्यवहार किया गया था. मैडम अदालत के बाहर रोई. महिला अधिकारी ने कथित तौर पर अपने वरिष्ठ अधिकारियों को बताया कि उसे घेरा गया और पीटा गया.
राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा को पत्र लिखकर आज महिला पुलिस अधिकारी पर क्रूर हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आग्रह किया है. गुरुवार को उन्होंने एनसीडब्ल्यू की ओर से इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए ट्वीट किया कि वीडियो देखा जहां वकील एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार कर रहे हैं और गुंडों की तरह बर्ताव कर रहे हैं. मैं इसकी कड़ी निंदा करती हूं. मैं खुद संज्ञान लेने जा रही हूं और बार काउंसिल और दिल्ली पुलिस आयुक्त को लिखूंगी. आज दिल्ली महिला आयोग ने तीस हजारी कोर्ट में महिला ऑफिसर के साथ बदसलूकी को लेकर खुद संज्ञान लिया. दिल्ली के जॉइंट कमिश्नर को नोटिस जारी किया. महिला आयोग ने पूछा इस मामले में क्या दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है? अगर नही तो क्यों? क्या इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है या पहचान हुई है? इस मामले में अब तक क्या करवाई हुई है? 13 नवंबर तक महिला आयोग ने जवाब मांगा है.
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सुप्रीम कोर्ट के एक वकील अब्दुल रशीद कुरैशी ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर माफ़ी मांगी. कुरैशी ने कहा कि तीस हजारी कोर्ट का जो सीसीटीवी फुटेज मैंने देखा है, उसमें वकीलों ने जो हिंसा की उसे अनदेखा नहीं किया जा सकता. बता दें कि शनिवार की हिंसा एक पार्किंग स्थल पर झगड़े के साथ शुरू हुई. दोपहर 1.20 बजे के आसपास, एक पुलिसकर्मी ने तीन वकीलों का सामना किया, जिन्होंने कथित रूप से गलत तरीके से पार्क किया था और उन्हें अपनी कार हटाने के लिए कहा. इसके बाद हुई हिंसा में लगभग 30 पुलिसकर्मी और वकील घायल हो गए.
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