आप विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए चुनाव आयोग में याचिका दाखिल करने वाले वकील प्रशांत पटेल उमराव ने दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय से सुरक्षा की मांग की है. बता दें कि पटेल द्वारा की गई दाखिल याचिका के चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति के पास प्रस्ताव भेजा था जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुहर लगा दी.
नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के विधायकों को अयोग्य करार देने की याचिका चुनाव आयोग में दाखिल करने वाले वकील प्रशांत पटेल उमराव ने दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय से सुरक्षा की मांग की है. उन्होंने ट्वीट किया कि मुझे गर्व है कि मैं हिंदू और हनुमान जी का भक्त हूं. यह सिद्धांतों की बात है. मुझे केजरीवाल या आप विधायकों के कोई व्यक्तिगत मतभेद नहीं है. बता दें चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति को प्रस्ताव भेजा था कि इन आप विधायकों की लाभ के पद के चलते सदस्यता रद्द कर दी जाए. जिस रविवार को राष्ट्रपति कोविंद ने मुहर लगा दी.
कौन हैं प्रशांत पटेल
ऑफिस ऑफ प्रॉफिट यानी लाभ के पद के चलते आप के विधायकों की सदस्यता रद्द करने की याचिका दाखिल करने वाले प्रशांत पटेल महज 30 साल के हैं. प्रशांत की स्कूलिंग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े सरस्वती शिशु मंदिर और सरस्वती विद्या मंदिर से हुई है. प्रशांत पटेल कानपुर के हैं इनकी प्रोफाइल और उनके पोस्ट और तस्वीरों से आरएसएस की तरफ उनका झुकाव साफ दिखाई देता है.
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बता दें कि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट यानी लाभ के पद केस में समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन को राज्यसभा से इस्तीफा देना पड़ा था वहीं सोनिया गांधी को भी सारे पदों से इस्तीफा देना पड़ा था. ऐसे केजरीवाल को प्रशांत पटेल द्वारा राष्ट्रपति को उनके 21 विधायकों को पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी यानी संसदीय सचिव बनाने के खिलाफ शिकायत की है तो विधायकों को बचाने के लिए केजरीवाल बिल लेकर आ गए. लेकिन प्रशांत पटेल के तर्कों के आगे उनकी एक नहीं चली थी.
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