नई दिल्ली: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार गैंग के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) लगातार कार्रवाई कर रही है. इस बीच एनआईए ने गैंगस्टर टेरर मामले में कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बरार समेत कई कुख्यात गैंगस्टरों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. इसमें एनआईए ने कई बड़े खुलासे किए हैं. एनआईए ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि लॉरेंस बिश्नोई और उसका आतंकी सिंडिकेट अभूतपूर्व तरीके से फैल गया है. उसने भी उसी तरह से अपना नेटवर्क खड़ा किया है जैसे 90 के दशक में दाऊद इब्राहिम ने छोटे-मोटे अपराध कर अपना नेटवर्क खड़ा किया था.
दाऊद इब्राहिम ने ड्रग तस्करी, टारगेट किलिंग, एक्सटॉर्शन रैकेट के जरिए अपना साम्राज्य खड़ा किया और फिर उसने डी कंपनी बनाई। फिर उसने पाकिस्तानी आतंकियों के साथ गठबंधन बनाया और अपना नेटवर्क बढ़ाया. वहीं, दाऊद इब्राहिम और डी कंपनी की तरह बिश्नोई गैंग की शुरुआत छोटे-मोटे अपराधों से हुई थी. फिर उसने अपना गैंग बना लिया. अब बिश्नोई गैंग ने उत्तर भारत पर कब्ज़ा कर लिया है. वहीं, दाऊद इब्राहिम और डी कंपनी की तरह बिश्नोई गैंग की शुरुआत छोटे-मोटे अपराधों से हुई थी. फिर उसने अपना गैंग बना लिया. अब बिश्नोई गैंग ने उत्तर भारत पर कब्ज़ा कर लिया है. एनआईए के मुताबिक बिश्नोई का गैंग कभी पंजाब तक ही सीमित था. लेकिन अपने शातिर दिमाग और करीबी साथी गोल्डी बरार की मदद से उसने हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के गैंग से गठजोड़ कर एक बड़ा गैंग तैयार कर लिया.
बिश्नोई गिरोह अब पूरे उत्तर भारत, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान और झारखंड में फैल गया है। सोशल मीडिया और कई अन्य तरीकों से युवाओं को गिरोह में भर्ती किया जाता है। यह गैंग अमेरिका, अजरबैजान, पुर्तगाल, यूएई और रूस तक फैल चुका है। युवाओं को कनाडा या उनकी पसंद के देश में शिफ्ट कराने का लालच देकर गिरोह में भर्ती किया जाता है। एनआईए के मुताबिक, पाकिस्तान में बैठा खालिस्तानी आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंदा पंजाब में टारगेट किलिंग और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बिश्नोई गिरोह के शूटरों का इस्तेमाल करता है।
कुछ दिन पहले एनआईए ने लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बरार समेत कुल 16 गैंगस्टरों के खिलाफ यूएपीए के तहत कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. गोल्डी बराड़ कनाडा, पंजाब और दिल्ली में गिरोह संभालता है। रोहित गोदारा राजस्थान, मध्य प्रदेश और अमेरिका में गिरोह की देखरेख करता है। अनमोल बिश्नोई के पास पुर्तगाल, अमेरिका, दिल्ली एनसीआर, महाराष्ट्र, बिहार और पश्चिम बंगाल की कमान है। वहीं, काला जत्थेदी हरियाणा और उत्तराखंड में गैंग संभालता है।
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वहीं पूरे गैंग की रिपोर्ट सीधे साबरमती जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई को पहुंचाई जाती है. गिरोह के हथियार मध्य प्रदेश के मालवा, यूपी के मेरठ, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़ और बिहार के मुंगेर, खगड़िया से आते हैं। इसके अलावा पाकिस्तान की सीमा से सटे पंजाब के जिलों से भी गिरोह के पास हथियार पहुंचते हैं. इसके अलावा गिरोह को पाकिस्तान, अमेरिका, रूस, कनाडा और नेपाल से भी हथियार मिलते हैं।
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