तीन तलाक बिल: लोकसभा में विपक्ष के हमले पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के धारदार जवाब की 10 बड़ी बातें

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल पर चर्चा में जवाब देते हुए कहा कि यह बिल महिला सशक्तिकरण, उनके अधिकार और न्याय के लिए है. इसे किसी भी राजनीतिक नजरिए से नहीं लाया गया. इस बिल का किसी भी धर्म या मजहब से कोई संबंध नहीं है. पाकिस्तान जैसे देश भी ‘तीन तलाक’ की प्रथा को लेकर नियम लाते रहे हैं. तो भारत में मुस्लिम महिलाओं के हितों की अनदेखी कैसे की जा सकती है.

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तीन तलाक बिल: लोकसभा में विपक्ष के हमले पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के धारदार जवाब की 10 बड़ी बातें

Aanchal Pandey

  • December 28, 2017 9:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. एक बार में तीन तलाक पर रोक लगाने वाला विधेयक लोकसभा में पारित हो गया है. गुरुवार शाम लोकसभा में मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. बिल में तीन तलाक को दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखते हुए तीन साल तक के कारावास व जुर्माने का प्रावधान है. सरकार ने लोकसभा में बहुमत होने के कारण इस बिल को आसानी से पास करा लिया लेकिन राज्यसभा में पास कराना चुनौती भरा रहेगा. विपक्ष ने बिल को स्टैंडिंग कमिटी में भेजने की मांग की थी. सरकार ने इस मांग को भी ठुकरा दिया. लेकिन राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है और जब बिल वहां पेश होगा तो गेम विपक्ष के पाले में होगा. इस बिल के खिलाफ विपक्ष के सभी संशोधन खारिज हो गए. बिल पर चर्चा में विपक्ष को जवाब देते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर त्याक्ता मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में खड़ा होना अपराध है तो हम इसे 10 बार करेंगे. इसके अलावा रविशंकर प्रसाद ने क्या कहा पढ़िए 10 बातें.

1. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मुसलमान औरतों के साथ तीन तलाक के अमानवीय अत्याचार को नरेंद्र मोदी सरकार इंसानियनत के नजरिए से देख रही है, सियासत के चश्मे से नहीं.

2. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक बिल पर कांग्रेस ने कोई संशोधन का प्रस्ताव नहीं दिया है. जब वो देगी तो सरकार देखेगी लेकिन अगर किसी को विधेयक की भाषा से दिक्कत है तो उसका कुछ नहीं हो सकता.

3. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक विधेयक के विरोध में कहा जा रहा है कि इससे परिवार टूटेगा. शादी सिविल मामला है तो इसमें क्रिमिनल कानून क्यों. मेरा कहना है कि हिन्दू मैरिज एक्ट में दहेज, पत्नी की पिटाई, पत्नी की अप्राकृतिक मौत, धोखे से शादी, पत्नी या पति के रहते दूसरे मर्द या औरत से संबंध पर क्रिमिनल लॉ कानून लागू है और उसके लिए 5 साल से आजीवन कैद तक की सजा है. जब ये कानून बन रहे थे तब क्यों नहीं कहा गया कि इससे परिवार टूट जाएगा. तीन तलाक के बाद औरतें सड़क पर छोड़ दी जा रही हैं तो क्या उससे परिवार नहीं टूट रहा.

4. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक बिल के विरोधी कह रहे हैं कि ये मोदी सरकार का मुसलमानों को डराने वाला काम है. मोदी जी ने बिहार के करीमुल हक को खुद फोन करके कहा था कि आप दिल्ली आइए, हम आपको पद्मश्री देने जा रहे हैं. करीमुल हक की मां एंबुलेंस के अस्पताल नहीं पहुंच पाने के कारण गुजर गई थीं और तब से वो बाइक से लोगों के इलाज में मदद कर रहे हैं.

5. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक बिल में हमने प्रावधान रखा है कि गुजारा भत्ता कितना होगा, ये मजिस्ट्रेट तय करेगा क्योंकि कोई अमीर हो सकता है, कोई गरीब तो ये मजिस्ट्रेट के विवेक पर छोड़ दिया गया है.

6. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के मान-सम्मान की रक्षा के लिए तीन तलाक बिल में प्रावधान किया गया है कि तीन तलाक के आरोपी को थाने से जमानत नहीं मिलेगी.

7. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह पूरा विधेयक तलाक-ए-बिद्दत पर आधारित है. यह विधेयक किसी धर्म, मजहब या पूजा से नहीं जुड़ा बल्कि लैंगिक समानता के लिए है. हम किसी शरीया में हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं.

8. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देश की महिलाएं बहुत पीड़ित हुआ करती थीं. 22 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक बताया था. आज सुबह मैंने पढ़ा रामपुर की एक महिला को तीन तलाक़ इसलिए दिया गया क्योंकि वो सुबह देर से उठी थी.

9. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह भारत के लिए ऐतिहासिक दिन और महिलाओं के सशक्तिकरण, महिलाओं के सम्मान और महिलाओं के अधिकारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

10. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जब बांग्लादेश, मिस्र, मोरक्का, ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया, ईरान, श्रीलंका, मलेशिया और यहां तक कि पाकिस्तान जैसे देश तीन तलाक की प्रथा को लेकर नियम लाते रहे हैं तो भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय होने पर हम खामोश कैसे रहेंगे.

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