देश-प्रदेश

Live-In में साथ रहना है अपराध? जानिये अपने अधिकार

नई दिल्ली : मुंबई से लिव इन रिलेशनशिप वारदात ने पूरे देश की नींद उड़ा दी है. जहां एक साथ रह रहे आफताब ने अपनी ही प्रेमिका श्रद्धा को मारकर 35 टुकड़ों में काट दिया. दोनों दिल्ली आए थे जहां आफताब ने इस पूरी वारदात को अंजाम दिया. शातिर आफताब ने बड़ी ही क्रूरता से अपनी ही प्रेमिका श्रद्धा को मौत के घात उतार दिया. इतना ही नहीं उसने श्रद्धा के शव को टुकड़ों में काटकर करीब 18 दिनों के लिए फ्रिज में रखा. इस घटना से एक बार फिर लिव इन रिलेशनशिप को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. आइए जानते हैं वो कौन से कानूनी अधिकार हैं जो भारतीय लिव इन कपल को दिए गए हैं.

गैर कानूनी है लिव इन?

सामाजिक स्तर पर भले ही लिविन को मान्यता दी जाती हो या ना दी जाती हो भारत में इसे लेकर कानूनन कई अधिकार हैं. सबसे पहली बात यह कि भारतीय कानून लिव इन को कोई अपराध नहीं मानती है. कोई भी दो लोग जो बालिग़ हैं आपसी सहमति से एक साथ लिव इन में रह सकते हैं. भारतीय कानून में ये पूरी तरह से वैध है.

इस अधिनियम में है ज़िक्र

हालांकि अब तक तो भारतीय पार्लियामेंट या किसी राज्य विधानमंडल ने लिव इन को लेकर कोई व्यवस्थित सहिंताबद्ध अधिनियम का निर्माण नहीं किया है लेकिन घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 की धारा 2( f ) के तहत लिव इन की परिभाषा दी गई है. क्योंकि घरेलू हिंसा अधिनियम के अंतर्गत लिव इन.. में साथ रहने वाले लोगों को भी भारतीय कानूनन संरक्षण देता है.

लिव इन में साथ रहने की शर्तें

1)- दोनों पक्षों के साथ रहने की युक्तियुक्त अवधि आवश्यक है. वह कभी भी साथ या कभी भी अलग नहीं रह सकते हैं. इसके लिए यदि दो पक्ष उपयुक्त अवधि को पूरा करते हैं तभी इसे लिव इन माना जाएगा. लिव इन के लिए यह अवधि 1 माह, 2 माह भी हो सकती है पर इसके लिए कोई तय समय सीमा नहीं है.
2)-दोनों पक्षकारों का पति पत्नी के भांति एक घर में साथ रहना आवश्यक है. अर्थात दोनों एक घर को उपयोग में लाएं और एक छत के नीचे हों.
3)- एक ही घर की वस्तुओं का प्रयोग करें.
4) घर के कामों की सहायता करें.
5)- लिव इन में रहने वाला कपल अपने साथ संतान को भी रख सकता है.
6)-लिव इन में रह रहे कपल के बारे में सभी को सूचना होनी चाहिए. सीधा-सीधा कहा जाए तो दब छिपकर संबंध नहीं होना चाहिए. या किसी अन्य से इसे छिप छिपाकर नहीं किया जाना चाहिए.
7)-दोनों पक्ष वयस्क हों।
8)- दोनों पक्ष स्वस्थ चित्त हो
9)- एक महत्वपूर्ण शर्त ये है कि लिव इन में रहने वाले कपल के साथ उनका कोई पूर्व साथी नहीं होना चाहिए. और न ही उनकी पूर्व पत्नी या पति मौजूद होने चाहिए.

यह भी पढ़ें-

EWS आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर, 3 सवालों के जवाब पर अदालत ने दिया फैसला

EWS आरक्षण को हरी झंडी, सुप्रीम कोर्ट ने गरीब सवर्णों के हक में दिया फैसला

Riya Kumari

Recent Posts

अब होगा संसद धक्का कांड का खुलासा! दिल्ली पुलिस ने स्पीकर से मांगी CCTV फुटेज की जांच करने की इजाजत

बताया जा रहा है कि पुलिस ने पूरे संसद धक्का कांड की जांच के लिए…

1 minute ago

HTS प्रमुख अबु जुलानी को अमेरिका क्यों नहीं चाहता पकड़ना, सर्वे में बाइडन सरकार पर बरसे लोग

अमेरिकी राजनयिक बारबरा लीफ ने कह कि सीरिया के नए नेता और हयात तहरीर अल-शाम…

17 minutes ago

मस्जिदों और मंदिरों पर उठने लगा है सवाल, बाबा रामदेव का भी खौला खून, कह दी ऐसी बात…

बाबा रामदेव ने कहा कि यह उनका खुद का बयान है और कई संत भी…

35 minutes ago

विनोद कांबली की तबीयत अचानक बिगड़ी, हॉस्पिटल में हुए भर्ती

टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी विनोद कांबली की तबियत एक बार फिर से बिगड़ गई…

43 minutes ago

आलिया भट्ट के साथ बड़े पर्दे दिखेगा Orry, संजय लीला भंसाली की इस फिल्म में आएंगे नज़र

संजय लीला भंसाली की मचअवेटेड फिल्म 'लव एंड वॉर' की कास्टिंग हर दिन और रोमांचक…

53 minutes ago

अखिलेश ने BJP का कंपेयर अंडरग्राउंड से किया, मोहन भागवत पर हुए नाराज, CM को भी नहीं छोड़ा

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया दी…

1 hour ago