नई दिल्लीः केंद्र सरकार यूनिफॉम सिविल को़ड (यूसीसी) को लेकर सजग हो चुकी है। संसद के म़ानसून सत्र में सदन में पेश भी किया जा सकता है। केंद्र सरकार कि कोशिश है की इसे लोकसभा चुनाव 2024 से पहले लागू करने की। इसको लेकर लॉ कमीशन ने एक महिने पहले यूसीसी को लेकर आम लोगों […]
नई दिल्लीः केंद्र सरकार यूनिफॉम सिविल को़ड (यूसीसी) को लेकर सजग हो चुकी है। संसद के म़ानसून सत्र में सदन में पेश भी किया जा सकता है। केंद्र सरकार कि कोशिश है की इसे लोकसभा चुनाव 2024 से पहले लागू करने की। इसको लेकर लॉ कमीशन ने एक महिने पहले यूसीसी को लेकर आम लोगों से राय जानने के लिए एक पोर्टल भी जारी किया था। जहां पर लोग अपनी राय दे सकते है। हालांकि आज यानी 14 जुलाई को लोगों की राय देने की समय- सीमा समाप्त हो रही थी, लेकिन लॉ कमीशन ने आम लोगों की सहूलियत के लिए और ज्यादा राय जानने के लिए समय दो हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है। आयोग को ऑनलाइन प्रतिक्रियाएं मिलने के अलावा हार्ड कॉपी भी मिली हैं।
बीजेपी हमेशा से यूसीसी को लेकर अग्रसर रही है।यह बीजेपी का मुख्य चुनावी मुद्दों में से एक है और इसे हर हाल में लाना चाहती है। बीजेपी का नारा है, एक देश , एक कानून और एक संविधान।बीजेपी साल 2014 से यूसीसी को लेकर मुखरता से आवाज उठाती रही है और अपने चुनावी मेनिफेस्टो में शामिल करती आ रही है। हालांकि विपक्ष हमेशा से यूसीसी करती आ रही है।विपक्ष का कहना है की अब देश में यूनिफॉम सिविल को़ड की कोई जरुरत नही है और बीजेपी सरकार दूसरे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए तरह-तरह के उपाय अपना रही है।
यह बीजेपी का मुख्य चुनावी मुद्दों में से एक है और इसे हर हाल में लाना चाहती है। बीजेपी का नारा है, एक देश , एक कानून, एक संविधान। लेकिन विपक्ष इससे सहमत नही है और विपक्ष का कहना है की देश में यूनिफॉम सिविल को़ड की कोई जरुरत नही है। लोग पहले से देश के सभी कानून का पालन कर रहे है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कहना है की सरकार असल मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए तरह-तरह के उपाय खोज रही है।