नई दिल्ली: सुर साम्राज्ञी लता मंगेश्कर को दुनिया को अलविदा कहे पूरे एक साल हो गए हैं. एक साल पहलेउन्होंने अंतिम सांस ली थी. भले ही लता दी दुनिया को अलविदा कह गई हों लेकिन उनकी आवाज़ हमारे बीच सदा के लिए जीवित रहेगी. हिंदी फिल्म जगत में 30,000 गाने गाने वाली लता दी अपनी […]
नई दिल्ली: सुर साम्राज्ञी लता मंगेश्कर को दुनिया को अलविदा कहे पूरे एक साल हो गए हैं. एक साल पहलेउन्होंने अंतिम सांस ली थी. भले ही लता दी दुनिया को अलविदा कह गई हों लेकिन उनकी आवाज़ हमारे बीच सदा के लिए जीवित रहेगी. हिंदी फिल्म जगत में 30,000 गाने गाने वाली लता दी अपनी आवाज़ से हमेशा के लिए अमर हैं. लता जी के जीवन पर कई किताबें लिखी गयी. जिन्होंने काफी प्रसिद्धि भी हासिल की. आज उनकी पुण्यतिथि पर आपको लता दी पर लिखी हुईं कुछ ऐसी किताबों को बताते हैं जिसे पढ़ने से आप उन्हें और भी करीब से जान पाएंगे.
लता मंगेशकर-इन हर ऑन वॉइस (lata mangeshkar-in her own voice) इस किताब को लेखिका नसरीन मुन्नी कबीर ने लिखा है. सुर कोकिला की ज़िंदगी बयां करती ये किताब आपको उनके और करीबी अनुभवों को बताएगी.
ये किताब हरीश भिमानी द्वारा लिखित है. लता मंगेशकर की वो कहानी जिसने उन्हें सिर्फ लता से ताई बनाया, इस किताब में बखूबी बताई गई है.
सुर गाथा न सिर्फ लता दी कि बल्कि वो कहानी बताती किताब है जो उनके हर सुर से बंधी है. इसके लेखक यतींद्र मिश्रा है.
भारत की दिग्गज गायिका को गोल्डन एरा की वॉइस क्वीन भी कहा जाता था. इस किताब में उनकी ऐसी ही कुछ यादें है. जिसे मंदर वी बिचू ने लिखा है.
इंफ्लुएंस ऑफ लता मंगेशकर्स सॉन्ग्स इन माई सॉन्ग्स ऐंड लाइफ
तारिकुल इस्लाम द्वारा लिखिए किताब कई मायनों में खास है. इसमें उनके गानों और आवाज़ के जादू का पड़ने वाला प्रभाव दिखाया गया है.
संगीत की चाह रखने वालो के मन में एक न एक बार ये सवाल जरूर आता है कि आखिर लता जी ने शादी क्यों नहीं की इसके पीछे का राज़ हम आपको बताते है कहा जाता है, लता जी का प्यार अधूरा रह गया था उन्हें गरपुर राजघराने के महाराजा राज सिंह से प्यार हुआ था जो कि क्रिकेट के शौक़ीन थे बताते चलें महाराजा राज सिंह लता जी के भाई हृदयनाथ मंगेशकर के दोस्त थे।
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