स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर ने अटल बिहारी वाजपेयी की मौत पर दुख जताया है. इसके साथ ही उन्होंने अपनी आवाज में गायी हुए पूर्व प्रधानमंत्री की कविताएं उन्हें समर्पित की हैं. लता मंगेशकर ने कहा कि वे मेरे पिता तुल्य थे.
नई दिल्ली. पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद पूरे देश में शोक का माहौल है. राजनीतिक हस्तियां ही नहीं बल्कि बॉलीवुड भी अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है. इस बीच स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने अटल बिहारी वाजपेयी की कुछ कविताएं अपनी आवाज में रिकॉर्ड कर उन्हें अर्पित की हैं. लता मंगेशकर ने लिखा है, ‘मेरे दद्दा अटलजी एक साधुपुरुष थे. हिमालय जैसे ऊँचे थे और गंगा जैसे पवित्र थे. मैंने उनकी कुछ कविताएँ जब रेकॉर्ड की थीं तब ये एक कविता अल्बम में नहीं थी. वो कविता मैं आज उनकी याद को अर्पण करती हूँ.’
लता मंगेशकर ने इससे पहले कहा था कि ऋषितुल्य पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी के स्वर्गवास की बात सुनके मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे सिर पर पहाड़ टूटा है, क्योंकि मैं उनको पिता समान मानती थी और उन्होंने मुझे अपनी बेटी बनाया था. मुझे वो इतने प्रिय थे कि मैं उनको दद्दा कहके बुलाती थी. आज मुझे वैसा दुख हुआ है जैसे मेरे पिता जी के स्वर्गवास के समय हुआ था. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.
लता मंगेशकर ने अटल बिहारी वाजपेयी की मौत पर कहा, ‘महान पुरुषों के जीवन को समझने में, मैंने पाया कि उनकी जीत खुद खत्म हो गई थी. एक व्यक्ति जो इसे प्रतिबिंबित करता था वे अटलजी थे. जीवन और मृत्यु की दो सबसे गहन वास्तविकताओं की उनकी विकसित और आध्यात्मिक प्रशंसा ने उन्हें अपने साथ शांति में भेज दिया. वे एक अद्वितीय नेता थे लेकिन मेरे लिए हमेशा दद्दा ही रहेंगे. उन्हें नमन.
मेरे दद्दा अटलजी एक साधुपुरुष थे.हिमालय जैसे ऊँचे थे और गंगा जैसे पवित्र थे। मैंने उनकी कुछ कविताएँ जब रेकॉर्ड की थी तब ये एक कविता अल्बम में नहीं थी। वो कविता मैं आज उनकी याद को अर्पण करती हूँ.https://t.co/aAeWakqsX7
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) August 17, 2018
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