जम्मू कश्मीर। कश्मीर को 1990 के दशक में वापस ले जाने के लिए एक बार फिर प्रयास किए जा रहे हैं.कश्मीर में बिगड़ते हालात के बीच कुछ राष्ट्रविरोधी तत्वों ने एक बार फिर कश्मीर में रह रहे कश्मीरी हिंदुओं और गैर-कश्मीरियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. इन हमलों के बीच घाटी में रहने वाले कश्मीरी हिंदुओं को भी धमकी भरे पत्र मिले हैं, जिसमें उन्हें या तो इस्लाम कबूल करने या कश्मीर छोड़ने की चेतावनी दी गई है. अगर वे नहीं माने तो उन्हें मार दिया जाएगा. ये धमकी भरे पत्र आतंकी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम ने भेजे हैं.
बारामूला में रहने वाले कश्मीरी पंडित विजय रैना ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें भी ऐसा धमकी भरा पत्र मिला है. उन्हें या तो इस्लाम कबूल करने या कश्मीर छोड़ने या मौत का सामना करने की धमकी दी गई. रैना ने बताया कि यह पत्र उन्हें लश्कर-ए-इस्लाम नामक संस्था ने भेजा है. इस पत्र में उन्होंने कश्मीर घाटी में रहने वाले हिंदुओं को चेतावनी दी है कि न तो पीएम मोदी और न ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कश्मीरी पंडितों की जान बचा सकते हैं.
रैना ने कहा कि यह धमकी भरा पत्र उन्हें अकेले नहीं भेजा गया है. यह चेतावनी बारामूला की वीरवान कॉलोनी में रहने वाले सभी कश्मीरी पंडितों को दी गई है. इस कॉलोनी में प्रधानमंत्री पैकेज के तहत कश्मीर घाटी में काम करने वाले कश्मीरी पंडित हैं. रैना ने लश्कर-ए-इस्लाम से साफ कहा कि कश्मीरी पंडित अब इन धमकी भरे पत्रों से नहीं डरते. कश्मीरी पंडितों का कश्मीर पर पूरा अधिकार है. जिस तरह आम कश्मीरी मुस्लिम समाज में शांति और तरक्की चाहता है, उसी तरह पंडित भी उनके साथ विकास के रास्ते पर चलना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि आम कश्मीरी मुसलमान भी आतंकवाद से तंग आ चुका है और अब आपसी भाईचारे के साथ शांति से रहना चाहता है.
कश्मीर घाटी के बदलते हालात कुछ राष्ट्रविरोधी तत्वों को पसंद नहीं आ रहे हैं. वे इस तरह की हरकतों से कश्मीरी हिंदुओं में डर पैदा करना चाहते हैं.रैना ने सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने पर जोर देते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया.
पाकिस्तान और कश्मीर के दुश्मनों से हमदर्दी रखने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. अब कश्मीरी पंडित इन धमकी भरे पत्रों से नहीं डरेंगे, साथ ही रैना ने जम्मू-कश्मीर पुलिस और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से अपील की कि यह पत्र कश्मीर घाटी में और हत्याओं के लिए अग्रिम चेतावनी भी हो सकता है. इसलिए इसे गंभीरता से लेना बहुत जरूरी है. कश्मीर घाटी में चंद महीनों में जिस तरह से टारगेट किलिंग बढ़ी है, इस सिलसिले में हत्याओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
बता दें कि पिछले बुधवार को आतंकियों ने कुलगाम जिले में कश्मीरी हिंदू सतीश कुमार सिंह के घर में घुसकर उनकी हत्या कर दी थी. इससे पहले 4 अप्रैल को शोपियां जिले में आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडित बाल कृष्ण भट को गोली मार दी थी.इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. भट्ट शोपियां के चोटिगम में दवा की दुकान चलाते है. श्रीनगर में सेना के 92-बेस अस्पताल में इलाज के बाद अब भट की हालत स्थिर बताई जा रही है. प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध रेसिस्टेंस फ्रंट ने हमले की जिम्मेदारी ली थी.
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