महाराष्ट्र में भूस्खलन से 26 लोगों की मौत,मौके पर राहत बचाव कार्य जारी

मुंबईः अधिकारियों ने जानकारी दी है कि आपदा में एक ही परीवार के नौ लोगों की मैात हो गई। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा खोज और बचाव अभियान शनिवार सुबह तीसरे दिन फिर से शुरु कर दिया गया। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के इरशालवाड़ी गांव में खोज और बचाव अभियान तीन […]

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महाराष्ट्र में भूस्खलन से 26 लोगों की मौत,मौके पर राहत बचाव कार्य जारी

Sachin Kumar

  • July 22, 2023 4:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

मुंबईः अधिकारियों ने जानकारी दी है कि आपदा में एक ही परीवार के नौ लोगों की मैात हो गई। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा खोज और बचाव अभियान शनिवार सुबह तीसरे दिन फिर से शुरु कर दिया गया। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के इरशालवाड़ी गांव में खोज और बचाव अभियान तीन दिन से जारी है।भूस्खलन की वजह से 26 लोगों की मौत हो गई। वही 82 ग्रामीण लापता है, उनका कोई सुराग नही मिल रहा है।हालांकि उनके खोज के लिए बचाव अभियान जारी है।मुंबई से लगभग 80 किलोमीटर दूर खालापुर तहसील के अंतर्गत पहाड़ पर स्थित एक गांव में बुधवार की रात यह भूस्खलन हुआ था।

एक ही घर के नौ लोगों की मौत

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के इरशालवाड़ी गांव से खोज और बचाव दल ने शनिवार को मलबे से चार और शव बरामद किए थे। इसके बाद भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 26 हो गई।एनडीआरएफ के अधिकारी ने कहा, दिन के दौरान तीन महिलाओं और एक पुरुष के शव बरामद किए गए है।मृतकों के शव शनिवार को बरामद किए गए उनकी पहचान माही मधु तिरकड़ (32), आशी पांडुरंग (50), भारती मधु भुटाबरा (18) और किशन तिरकड़ (27) के रूप में हुई है।मुंबई से लगभग 80 किलोमीटर दूर खालापुर तहसील के अंतर्गत एक पहाड़ पर स्थित गांव में बुधवार की रात यह भूस्खलन हुआ था।

सीएम एकनाथ शिंदे का बयान

सीएम एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा को बताया कि भूस्खलन की घटना के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के सभी भूस्खलन-संभावित क्षेत्रों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का फैसला किया है।सीएम ने आगे कहा कि इरशालवाड़ी गांव भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की सूची में नहीं था।इससे पहले 22 जुलाई, 2021 को रायगढ़ जिले की महाड तहसील के तलिये गांव में भीषण भूस्खलन में 87 लोगों की जान चली गई थी। बचाव अभियान के लिए शिविरों के रूप में उपयोग करने के लिए 60 कंटेनरों की मांग की गई है और उनमें से 40 पहले ही स्थान पर पहुंच चुके हैं वही 20 अस्थायी शौचालय और इतनी ही संख्या में बाथरूम तैयार किए गए हैं।

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