पटना: जमीन के बदले रेलवे की नौकरी घोटाला इस वक़्त सुर्ख़ियों में बना हुआ है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई तेज कर दी है। जाँच एजेंसी की ओर से औपचारिक रूप से बयान जारी करते हुए कहा गया कि अब तक की जाँच में करीब 600 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला सामने आ रहा है, लेकिन जिस तरह से इस मामले की जाँच की जा रही है उससे ‘तफ्तीश ‘ का दायरा काफी बढ़ रहा है। ऐसे में यह 600 करोड़ रुपए का आँकड़ा भी काफी ऊपर जा सकता है।
ED के मुताबिक इस मामले में 350 करोड़ रुपये की संपत्ति डिटेक्टिव एजेंसी के रडार पर आ गई, साथ ही करीब 250 करोड़ रुपये के संदिग्ध ट्रांजैक्शन और इससे जुड़े कई बेनामी ट्रांजेक्शन भी ED के रडार पर आ गए। आगे की जाँच चल रही है। इससे जुड़े मामले की आगे की जाँच के लिए कई लोगों को पूछताछ के लिए समन भेजा जाएगा। ईडी ने लालू परिवार और अन्य लोगों के पास से लाखों डॉलर की नकदी और लाखों रुपये के गहने जब्त किए।
प्रवर्तन निदेशालय ने रेलवे विभाग से संबंधित कार्य मामले में तलाशी अभियान के दौरान 1 करोड़ रुपये नकद, विदेशी मुद्रा और 1.5 किलोग्राम सोने के आभूषण सहित करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए। इस जाँच में कई फर्जी कंपनियों से जुड़े योगदान और सबूत भी जाँच एजेंसी के रडार पर आ गए. उन सभी लोगों की पहचान करने के बाद, जिनकी अब बहुत सावधानी से जांच की जा रही है, साथ ही उन लोगों से जुड़ी जानकारी की भी जाँच की जा रही है, जिन्होंने इस घोटाले का फायदा उठाया।
इसी मामले की जाँच करते हुए मैसर्स एबी. एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी से जुड़ी जानकारी की भी जाँच की जा रही है, क्योंकि इस कंपनी का सीधा संबंध आलीशान कोठी से है, जहाँ बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अक्सर दिल्ली प्रवास के दौरान ठहरते हैं। इसके साथ ही एक अन्य कंपनी मैसर्स एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड भी जांच एजेंसी के रडार पर आ गई है, जिसके खिलाफ काफी सबूत जुटाए गए हैं।