नई दिल्लीः बिहार के पूर्व सीएम और RJD मुखिया लालू प्रसाद यादव की सुरक्षा घटाए जाने को लेकर देश में सियासी घमासान मचा हुआ है. लालू यादव को जेड प्लस की जगह अब जेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करवाई गई है. गृह मंत्रालय ने लालू यादव, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, JDU के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव समेत कुल 8 VIP की सुरक्षा में कटौती की है. अब आपको बताते हैं कि जेड कैटेगरी और जेड प्लस कैटेगरी की सिक्योरिटी में क्या फर्क है? इसके साथ ही आपको बताते हैं कि किन लोगों को किस प्रकार की सुरक्षा (Z+, Z, Y और X) मुहैया करवाई जाती है?
देश में नेताओं, अधिकारियों या फिर किसी शख्स की जान को खतरे में देखते हुए सुरक्षा मुहैया करवाई जाती है. खतरा किस प्रकार का है, इसको देखते हुए यह तय किया जाता है कि संबंधित व्यक्ति को किस कैटेगरी (Z+, Z, Y और X) की सुरक्षा मुहैया करवाई जाएगी. Z+, Z, Y और X कैटेगरी की सुरक्षा पाने वाले लोगों में ज्यादातर केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीश, सीनियर ब्यूरोक्रेट्स और कुछ फेमस एक्टर शामिल होते हैं. देश में करीब 450 लोगों को इन श्रेणियों में सुरक्षा मुहैया कराई गई है. लालू यादव की जिस Z+ सिक्योरिटी पर बवाल मचा हुआ है, उस श्रेणी की सुरक्षा देश में करीब 15 लोगों को मिली हुई है.
अब आपको बताते हैं कि किस श्रेणी में कितने सुरक्षाकर्मी होते हैं. Z+ सिक्योरिटी में 36 सुरक्षाकर्मी होते हैं. यह सुरक्षा VVIP कैटेगरी में आने वाले लोगों को दी जाती है. Z+ सिक्योरिटी में 10 नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) और स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) कमांडो होते हैं. इसके अलावा इसमें सीआरपीएफ, आईटीबीपी और पुलिसकर्मी शामिल होते हैं. संबंधित शख्स की सुरक्षा के पहले घेरे की जिम्मेदारी NSG कमांडो की होती है. दूसरी लेयर में SPG कमांडो होते हैं. Z+ सिक्योरिटी में प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों को SPG कमांडो कवर करते हैं.
Z कैटेगरी में 22 सुरक्षाकर्मी होते हैं. इनमें सीआरपीएफ, आईटीबीपी और पुलिस के जवान होते हैं. जिस शख्स को Z कैटेगरी की सुरक्षा मिलती है, उसे एक एस्कॉर्ट कार भी मिलती है. वहीं Y कैटेगरी में 11 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं, जिनमें दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (पीएसओ) शामिल होते हैं. आखिरी X कैटेगरी में संबंधित शख्स की सुरक्षा में 2 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं, जिनमें एक पीएसओ शामिल होता है. इसके अलावा सामान्य तौर पर भी पुलिस के आला अधिकारियों या फिर कोर्ट के आदेश के बाद सामान्य सुरक्षा (पुलिस बल) मुहैया कराई जाती है.
Z+ सुरक्षा हटने पर जीतन राम मांझी का केंद्र पर निशाना, कहा मेरी हत्या हुई तो जवाब केंद्र सरकार देगी
हाल ही में दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने मैनेजर और असिस्टेंट मैनेजर की सरकारी…
धनघटा विधानसभा सीट से भाजपा विधायक का एक वीडियो सामने आया है. वीडियो भाजपा विधायक…
अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसी दौरान एक ऐसी घटना घटी जिसने सभी को…
रूसी सैनिकों ने क्षेत्र में कीव के आक्रमण को पीछे धकेल दिया है। विशेषज्ञों ने…
नई दिल्ली: महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव खत्म हो गए हैं. अब लोगों को…
भारतीय महिला हॉकी टीम ने एशियन चैंपियंस ट्रॉफी 2024 का खिताब अपने नाम कर लिया…