पटना, बिहार में 14 साल पुराना भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने के बाद सियासी बवाल मचा हुआ है. लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले कथित जमीन घोटाला हुआ था, अब सीबीआई ने उस मामले की जांच तेज कर दी है. बुधवार को बिहार, दिल्ली और हरियाणा में कुल 25 ठिकानों पर […]
पटना, बिहार में 14 साल पुराना भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने के बाद सियासी बवाल मचा हुआ है. लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले कथित जमीन घोटाला हुआ था, अब सीबीआई ने उस मामले की जांच तेज कर दी है. बुधवार को बिहार, दिल्ली और हरियाणा में कुल 25 ठिकानों पर सीबीआई ने ये छापेमारी की.
इस साल जब से लालू यादव के 17 ठिकानों पर छापेमारी हुई है, तब से ये सवाल उठ रहे हैं आखिर मामला है क्या और छापेमारी क्यों हुई. वहीं, इस मामले में राबड़ी देवी और मीसा भारती की क्या भूमिका है. आइए आपको बताते हैं..
2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव जिस समय यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे, तब का ये मामला है. लालू पर आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए रेलवे भर्ती में घोटाला हुआ. साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि नौकरी लगवाने के बदले में आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए. सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के खिलाफ मामला दर्ज किया क्योंकि जो जमीनें ली गईं वो राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर भी ली गई थी.
बुधवार को आरजेडी नेता फैयाज अहमद, एमएलसी सुनील कुमार, अशफाक करीम, पूर्व एमएलसी सुबोध राय के घर CBI की छापेमारी पर तेजस्वी यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ”जिसको जो करना है वो कर ले, लेकिन सही समय पर इन सब का करारा जवाब दिया जाएगा. हमें जो भी जवाब देना है वो हम सदन में देंगे. सबको पता था ऐसा ही होने वाला है, लेकिन वो कहते हैं न सौ सुनार की एक लोहार की.” तेजस्वी यादव अपने नेताओं के घर हुई छापेमारी के बाद आज तल्ख अंदाज में भाजपा पर वार करते नज़र आए.
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