वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किए गए आम बजट 2018 को लेकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने जेटली और मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने केवल जनता को छला है. उनके पास किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए कोई भी रोडमैप नहीं है.
नई दिल्लीः राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भले ही चारा घोटाला के चलते रांची की बिरसा मुंडा में सजा काट रहे हों लेकिन देश में घट रही घटनाओं को लेकर लालू ट्वीट जरूर कर रहे हैं. गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किए गए बजट 2018 को लेकर भी लालू ने ट्वीट किया है. उन्होंने बजट को लेकर मोदी सरकार और अरुण जेटली पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया कि किसानों को छला जा रहा है. वहीं किसानों की आत्महत्या को बजट से जोड़कर लालू ने मोदी सरकार पर हमला बोला है.
उन्होंने कहा जब जनता ने बीजेपी 2019 तक के लिए बहुमत दिया है तो मोदी सरकार 2022 तक कृषकों की आय को दोगुना करने की बात कैसे कर सकती है. उन्होंने बजट में हुई तमाम घोषणाओं को हवाहवाई बताया. उन्होंने कहा कि सरकार के पास किसानों की आय दोगुनी करने का कोई रोडमैप नहीं है मोदी सरकार केवल जनता को गुमराह करने का काम कर रही है जिस वजह से किसानों की आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं.
किसानों को छला जा रहा है। जवाब दो!
किसानों का क़र्ज़ा माफ़ क्यों नहीं किया?
कृषकों की आय को 2022 तक दुगुना कैसे किया जाएगा? इसका रोड मैप क्या है?
सिर्फ़ हवाई बातों और मुँह ज़ुबानी ख़र्च से आय दुगुनी हो जायेगी क्या?
किसानों की आत्महत्या क्यों नहीं रूक रही?— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) February 1, 2018
जनता ने बहुमत 2019 तक दिया था ना कि 2022 तक। बड़ी चालाकी से अपनी विफलताओं और जवाबदेही को 2022 पर फेंक रहे है। बड़ा छाती कूटकर 60 दिन माँग रहे थे, 60 दिन!
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) February 1, 2018
लालू यादव ने ट्वीट में लिखा कि ‘किसानों को छला जा रहा है। जवाब दो। किसानों का कर्ज माफ क्यों नहीं किया? किसानों की आय को 2022 तक दोगुना कैसे किया जाएगा? इसका रोड मैप क्या है? सिर्फ हवाई बातों और मुंह जुबानी खर्च से आय दोगुनी हो जायेगी क्या?’ वहीं उन्होंने दूसरा ट्वीट किया कि किसानों को छला जा रहा है. जवाब दो! किसानों का क़र्ज़ा माफ़ क्यों नहीं किया? कृषकों की आय को 2022 तक दुगुना कैसे किया जाएगा? इसका रोड मैप क्या है? सिर्फ़ हवाई बातों और मुँह ज़ुबानी ख़र्च से आय दुगुनी हो जायेगी क्या? किसानों की आत्महत्या क्यों नहीं रूक रही?
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