संघ प्रमुख को अक्सर बुलाते रहते थे कांग्रेसी सरकार के ये पीएम: एल के आडवाणी

लाल कृष्ण आडवीणी ने कांग्रेस सरकार के प्रधानमंत्री रहे लाल बहादुर शास्त्री को लेकर अपने हालिया लेख में खुलासा किया है कि शास्त्री जी अक्सर संघ प्रमुख गुरु गोलवलकर को बुला कर सलाहें लिया करते थे.

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संघ प्रमुख को अक्सर बुलाते रहते थे कांग्रेसी सरकार के ये पीएम: एल के आडवाणी

Aanchal Pandey

  • January 24, 2018 6:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. अरसे बाद लाल कृष्ण आडवाणी ने फिर एक लेख लिखा है, इस लेख में फिर एक नई बात का खुलासा उन्होंने किया है, जो फिर से राजनीति की गलियों में चर्चा का विषय बन सकती है. ये कहानी भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्रीजी से जुड़ी है, जिनका कैरियर और जिंदगी दोनों ही अब तक बेदाग रहे हैं. वो हमेशा कांग्रेस के सिपाही रहे और सरकार में रहते हुए भी कभी उनकी नीयत या नीति पर कोई उंगली नहीं उठी. अब आडवाणी लिखते हैं कि शास्त्रीजी अक्सर संघ प्रमुख गुरु गोलवलकर को बुला कर सलाहें लिया करते थे.

एलके आडवाणी ने ये लेख संघ के मुख पत्र माने जाने वाले अंग्रेजी अखबार ‘ऑर्गनाइजर’ के लिए लिखा है, दरअसल आडवाणी इस अखबार के सम्पादक रह चुके हैं और इस साल ऑर्गनाइजर अपनी स्थापना के 70 साल पूरे कर रहा है. इस मौके पर ऑर्गनाइजर और हिंदी अखबार पांचजन्य ने विशेषांक भी निकाले, जिनका विमोचन केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और संघ प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्या ने किया था. आडवाणी ने इसी विशेषांक के लिए ये लेख लिखा है, जिसमे अपनी पत्रकारिता के दिनों की यादें ताजा की हैं.

आडवाणी लिखते हैं कि, ‘’नेहरूजी की तरह शास्त्रीजी भी पक्के कांग्रेसी थे, लेकिन कभी भी संघ या जनसंघ को लेकर दुश्मनी जैसा भाव उनके अंदर नहीं था. जब वो पीएम थे, तो अक्सर नेशनल इश्यूज पर उस वक्त के सर संघचालक गुरू गोलवलकर को सलाह, मंत्रणा के लिए बुलाया करते थे. आडवाणीजी ने इस लेख में ये भी बताया है कि बतौर ऑर्गनाइजर संवाददाता उन्होंने कई बार शास्त्रीजी से मुलाकात की, वो लिखते हैं‘’ each time carrying a positive impression of this remarkably short-statured but large-hearted Prime Minister’’.

आडवाणी जी ने 1960 में ऑर्गनाइजर को बतौर असिस्टेंट एडीटर ज्वॉइन किया था. उन्होंने ये भी बताया कि वो संघ से जुड़ने के बाद धोती और कुर्ता पहनने लगे थे, लेकिन बाकी पत्रकारों ने कहा कि ये तो नेताओं की ड्रेस है, पत्रकारों की नहीं. तो उनके मुताबिक उन्होंने फिर से ट्राउजर्स पहनना शुरू कर दिया था. आडवाणी के फिल्म प्रेम के बारे में तो सब जानते ही हैं, उन्होंने लिखा है कि राजनीतिक खबरों से फुरसत मिलते ही वो मैगजीन में फिल्मों के बारे में भी लिखने लगे थे और उनके कॉलम का नाम था, ‘नेत्र’. 

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