कुढ़नी : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की कुढ़नी विधानसभा सीट पर पहले राउंड की मतगणना पूरी हो चुकी है. जहां शुरुआती रुझानों में जेडीयू के मनोज कुशवाहा पीछे चल रहे हैं. वहीं भाजपा इस सीट पर बढ़त बनाती नज़र आ रही है. बीजेपी प्रत्याशी केदार गुप्ता करीब 2000 वोटों से आगे चल रहे हैं. बीजेपी- […]
कुढ़नी : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की कुढ़नी विधानसभा सीट पर पहले राउंड की मतगणना पूरी हो चुकी है. जहां शुरुआती रुझानों में जेडीयू के मनोज कुशवाहा पीछे चल रहे हैं. वहीं भाजपा इस सीट पर बढ़त बनाती नज़र आ रही है. बीजेपी प्रत्याशी केदार गुप्ता करीब 2000 वोटों से आगे चल रहे हैं.
बीजेपी- 4194
जेडीयू- 2195
वीआईपी- 372
एआईएमआईएम- 172
बिहार की कुढ़नी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव काफी अहमियत रखते हैं. कुढ़नी उपचुनाव को लोकसभा चुनाव के पहले बिहार की राजनीति में सेमीफाइनल माना जा रहा है. इसलिए कुढ़नी के नतीजों का ना सिर्फ बिहार की जनता बल्कि देश की जनता को भी इंतज़ार है.
बता दें, कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 311728 हैं. इस बार चुनावी मैदान में कुल 13 प्रत्याशी हैं. केदार प्रसाद गुप्ता (बीजेपी), मनोज कुमार सिंह (मनोज कुशवाहा) जेडीयू, उपेंद्र साहनी (राष्ट्रीय जन जन पार्टी), काली कांत झा (SUCI), नीलाभ कुमार (VIP), मो. गुलाम मुर्तुजा (AIMIM), संजय ठाकुर (आदर्श मिथिला पार्टी), सुख देव प्रसाद (जन जन पार्टी), आलोक कुमार सिंह (निर्दलीय), दिनेश कुमार राय (निर्दलीय), विनोद कुमार राय (निर्दलीय), शेखर सहनी (निर्दलीय) और संजय कुमार (निर्दलीय) बतौर प्रत्याशी इस समय मैदान में हैं.
समीकरण की बात करें तो ओवैसी व मुकेश सहनी की पार्टियां AIMIM और VIP ने समीकरणों में जगह बनाने के लिए प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. ओवैसी ने इस बार भी परंपरागत मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट दिया है. वहीं अपने आधार वोटर सहनी को छोड़कर मुकेश सहनी ने भूमिहार विरादरी से आनेवाले को प्रत्याशी उतारा है.
कुढ़नी के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो साल 2015 वाला ही दृश्य सामने दिखाई दे रहा है. जदयू की तरफ से मनोज कुशवाहा है तो दूसरी ओर बीजेपी ने अति पिछड़ा समाज से आने वाले केदार प्रसाद गुप्ता को प्रत्याशी बनाया है. पिछले चुनावी साल में (2015) केदार प्रसाद गुप्ता ने मनोज कुशवाहा को हराया था. बता दें, इस सीट पर 3 लाख से अधिक मतदाताओं में से 57.9 प्रतिशत वोटर्स ने ही अपने मत दिया है. इसी के आधार पर अगली सरकार तय की जाएगी. 2020 के चुनाव में आरजेडी को टक्कर देने वाले केदार गुप्ता इस बार भी मैदान में हैं. लेकिन महागठबंधन के चलते इस बार जीत आसान नहीं होने वाली है. दूसरी ओर सभी की निगाहें असदुद्दीन ओवैसी और मुकेश सहनी के कैंडिडेट पर है.
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