महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर कुणाल कामरा की इशारों में की गई टिप्पणी को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। इस बीच राज्य में सियासी घमासान भी छिड़ गया है। सत्तासीन महायुति की पार्टियों ने कामरा को चेतावनी दी है। वहीं, विपक्षी शिवसेना यूबीटी ने खुलकर कॉमेडियन का समर्थन किया है।
नई दिल्ली: स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर एक विवादास्पद टिप्पणी की, जिस पर सियासत गर्म हो गई है। महायुति सरकार ने कामरा के बयान की निंदा करते हुए उनसे माफी की मांग की, जबकि विपक्षी दल शिवसेना (यूबीटी) उनके समर्थन में उतर आई है। इस बीच, शिंदे ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की भी एक सीमा होनी चाहिए और कामरा के कटाक्ष की तुलना किसी के खिलाफ बोलने के लिए “सुपारी” लेने से की।
कुणाल कामरा इससे पहले भी कई विवादों में रह चुके हैं। 2020 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को लेकर विवादास्पद बयान दिया था, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को “सुप्रीम जोक ऑफ द कंट्री” कहा था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का नोटिस जारी किया था, लेकिन कामरा ने माफी मांगने से इनकार कर दिया था। इसी साल, उन्होंने पत्रकार अर्णब गोस्वामी को फ्लाइट में परेशान किया, जिसका वीडियो वायरल हुआ। इसके चलते इंडिगो, एयर इंडिया समेत कई एयरलाइंस ने छह महीने के लिए उन पर प्रतिबंध लगा दिया था।
कामरा ने 2020 में एक एडिटेड वीडियो भी साझा किया था, जिसमें पीएम मोदी के जर्मनी दौरे के दौरान एक बच्चे के गाने को बदलकर मजाक बनाया गया था। इस पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इसके अलावा, 2022 में उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं को लेकर एक विवादास्पद टिप्पणी की, जिसके बाद विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने कानूनी नोटिस भेजा और उनके गुरुग्राम में होने वाले शो को रद्द कर दिया गया।
2021 में कोविड महामारी के दौरान उन्होंने सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य नेता समय रहते सही कदम उठाते तो कई जिंदगियां बच सकती थीं। हाल ही में उन्होंने ओला इलेक्ट्रिक के सीईओ भाविश अग्रवाल से भी बहस की, जब ग्राहकों की समस्याओं को लेकर उन्होंने ओला पर निशाना साधा। भाविश ने कामरा को उनकी कंपनी में नौकरी तक ऑफर कर दी, लेकिन कामरा ने इस शर्त पर सहमति जताई कि ग्राहकों की शिकायतें जल्द सुलझाई जाए।
इसके अलावा, उन्होंने ईवीएम और चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए हैं। वहीं, वह दिल्ली हिंसा के आरोपी उमर खालिद का समर्थन करने को लेकर भी चर्चा में रहे हैं। कुणाल कामरा अक्सर अपने बयानों और कटाक्षों के लिए विवादों में घिर जाते हैं, लेकिन वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए अपने स्टैंड पर कायम रहते हैं।
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