Kulbhushan Jadhav ICJ Verdict: इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में आज शाम 06.30 बजे कुलभूषण जाधव मामले में सुनवाई होगी. पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण को जासूसी और आतंकवादी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी. पाकिस्तान के फैसले का कड़ा विरोध करते हुए भारत ने इस मामले को आईजीजे पहुंचाया. आईसीजे की इस सुनवाई पर पूरे भारत की नजरें टिकी हुई हैं. आइए जानते हैे कि आईजीजे में आज की सुनवाई में फैसला आने की क्या-क्या संभावनाएं हो सकती है.
नई दिल्ली. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) 17 जुलाई को शाम 06:30 बजे भारत और पाकिस्तान के बीच कुलभूषण जाधव मामले में अपना फैसला सुनाने वाली है. पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने 3 मार्च 2016 को जासूसी और आतंकवादी के आरोप में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने उन्हें अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी. जाधव को सजा सुनाए जाने का भारत में कड़ा विरोध हुआ.
भारत ने इसे विएनी संधि एंव कानूनी प्रक्रिया का उल्लघंन बताया और पाकिस्तान के इस फैसले को भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में चुनौती दी, जिसके बाद इस मामले में आज सुनवाई होने जा रही है. साल 2017 में सुनवाई करते हुए इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाई और पाकिस्तान सरकार को आदेश दिया कि फैसला होने तक कुलभूषण जाधव को फांसी नहीं होगी. ऐसे में जानते हैे कि आईजीजे में आज की सुनवाई में फैसला आने की क्या-क्या संभावनाएं हो सकती है.
पहला- आईसीजे भारत के पक्ष में फैसला कर सकता है. जिसमें पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा कुलभूषण जाधव को दी गई सजा को रद्द कर दिया जाएगा. उस स्थिति में पाकिस्तान को तुरंत जाधव को रिहा करना होगा और उन्हें सुरक्षित भारत लौटाना होगा.
दूसरा- आईसीजे अगर पाकिस्तान के पक्ष में फैसला करता है तो इसमें आईसीजे पाकिस्तान के सैन्य अदालत के फैसले को मान्य कर देगा. इसका मतलब है कि अदालत को कुलभूषण जाधव की फांसी (मौत की सजा) में कोई आपत्ति नहीं है.
तीसरा- अगर भारत को कांसुलर एक्सेस दिया जाता है तो इस मामले में भारत को पाकिस्तान में जाधव से मिलने और सेल में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के अधिकार मिल जाएंगे.
चौथा- अगर आईसीजे कुलभूषण जाधव को एक नागरिक अदालत में पेश करने का एलान करता है तो इस मामले में भारत उसके लिए एक कानूनी प्रतिनिधि नियुक्त कर सकता है और मामला पाकिस्तान में चलेगा.