नई दिल्ली: पेरिस ओलिंपिक्स में भारत को पहला मेडल मिल गया है. शूटर मनु भाकर ने इतिहास रचते हुए विमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है. इस बीच मेडल जीतने के बाद उन्होंने मुकाबले के दौरान दिमाग में आ रही बातों का खुलासा किया है. भाकर ने कहा है […]
नई दिल्ली: पेरिस ओलिंपिक्स में भारत को पहला मेडल मिल गया है. शूटर मनु भाकर ने इतिहास रचते हुए विमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है. इस बीच मेडल जीतने के बाद उन्होंने मुकाबले के दौरान दिमाग में आ रही बातों का खुलासा किया है. भाकर ने कहा है कि गीता में भगवान कृष्ण ने अर्जुन से जो कहा था- सिर्फ कर्म पर ध्यान रखो. बस वही मेरे दिमाग में था.
बता दें कि मनु भाकर ने भारत को ओलिंपिक में 12 साल के बाद शूटिंग का मेडल दिलाया है. इसके साथ ही मनु शूटिंग में ओलिंपिक मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला शूटर बन गई हैं. उन्होंने फाइनल इवेंट में 221.7 पॉइंट्स के साथ कांस्य जीता है.
बता दें कि हरियाणा के झज्जर की रहने वालीं मनु भाकर हमेशा से शूटर नहीं बनना चाहती थीं. उनके पिता राम किशन उन्हें बॉक्सर बनाना चाहते थे. लेकिन एक दिन प्रैक्टिस के वक्त मनु की आंख में गंभीर चोट लग गई थी. इसके बाद उनकी आंख कई दिनों तक सूजी रही. चोट लगने के बाद उन्होंने बॉक्सिंग को छोड़ दिया.
मनु अपने स्कूल की पढ़ाई के दौरान कई गेम्स में हाथ आजमा चुकी थीं. लेकिन वे तय नहीं कर पा रही थीं कि करना क्या है. इस दौरान एक दिन उनकी मां उन्हें एक स्कूल के शूटिंग रेंज में भेजा. इस बीच शूटिंग रेंज में मनु ने जैसे ही पहला शॉट मारा वहां मौजूद स्कूल के फिजिकल टीचर ने उनके हुनर को पहचान लिया. इसके बाद उन्होंने एक दिन मनु की मां से कहा कि अपनी लड़की को इस गेम में आगे बढ़ने दीजिए. एक दिन वो देश के लिए जरूर मेडल लाएगी.
लो जी आ गया पेरिस ओलंपिक पहला मेडल! शूटर मनु भाकर ने ब्रॉन्ज पर लगाया निशाना