Kota Infant Deaths: प्रियंका गांधी जी, आप सैकड़ों मासूमों की कब्रगाह बने कोटा के अस्पताल में कब जाएंगी ?

Kota Infant Deaths: राजस्थान के कोटा में एक सरकारी अस्पताल में 104 बच्चों की जान जा चुकी है. दुखद बात है कि हर जगह पीड़ितों का दुख बांटने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा अभी तक कोटा के सरकारी अस्पताल किसी का दर्द बांटने नहीं पहुंची हैं.

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Kota Infant Deaths: प्रियंका गांधी जी, आप सैकड़ों मासूमों की कब्रगाह बने कोटा के अस्पताल में कब जाएंगी ?

Aanchal Pandey

  • January 3, 2020 5:44 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

जयपुर. कांग्रेस शाषित राजस्थान के कोटा जिले में जे.के लोन सरकारी अस्पताल में हो रही लगातार मौतों ने हाहाकार मचा दिया. खबर लिखी जाने तक 104 मासूम बच्चे दम तोड़ चुके हैं. सूबे की अशोक गहलोत सरकार नरेंद्र मोदी की बीजेपी और मायावती की बसपा समेत कई दलों के निशाने पर है. सोशल मीडिया पर भी लोग जमकर राजस्थान सरकार पर सवाल उठाए. खास बात है कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वालीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा भी इस मामले पर चुप्पी साधे हैं. दूसरी ओर राजस्थान सरकार का दावा है कि इस बार बच्चों की मौत का आंकड़ा पिछले पांच सालों में सबसे कम है.

लखनऊ में जेड प्लस सिक्योरिटी के सभी नियम तोड़ते हुए, यूपी पुलिस को चकमा देकर सीएए विरोध प्रदर्शन की हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार से मिल लेने वाली प्रियंका गांधी राजस्थान क्यों नहीं जा रहीं ये सवाल उनसे आखिर क्यों न भी पूछा जाए. राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और अस्पताल में हो रही बच्चों की मौतें सरकार के स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल देने वाला है, ऐसे में अगर प्रियंका गांधी गैर कांग्रेसी राज्यों में पीड़ितों से मिलकर उनका दर्द बांट सकती हैं तो राजस्थान में क्यों नहीं.

राजनीति अलग बात है और अस्पताल में दम तोड़ रहे मासूमों की बात शायद काफी अलग. प्रियंका गांधी कांग्रेस की महासचिव हैं और देश की एक जिम्मेदार नेता. इस नाते अगर वे कांग्रेस के सत्ताधारी राजस्थान में हो रही बच्चों की मौतो पर चुप्पी साधे हुए हैं तो ठीक नहीं कर रही हैं. शायद आपके बोलने से हालातों में सुधार आए.

कोटा के अस्पताल में क्यों हो रही बच्चों की मौत ?

कोटा के शिशु अस्पताल में हो रही बच्चों की मौत के पीछे कई वजह सामने आई हैं. अस्पताल के मुख्य डॉक्टर का कहना है कि मरने वाले सभी बच्चों ने कम वजन की वजह से दम तोड़ा. हालांकि, कुछ रिपोर्टों में बच्चों की मौत का कारण सांस की तकलीफ, निमोनिया भी बताया गया. सूत्रों की मानें तो अस्पताल की हालात भी काफी खराब है जहां सही तरह से खिड़कियां, दरवाजे भी नहीं लगे हैं. इस वजह से बच्चों को ठंड भी लगी है.

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