कोलकाता पासपोर्ट ऑफिस के द्वारा एक ट्रांसजेंडर महिला की पासपोर्ट एप्लीकेशन रद्द करने का मामला सामने आया है. जब इस मामले में महिला ने पासपोर्ट ऑफिस से इस संबंध में संपर्क किया तो संबंधित अधिकारी ने ट्रांसजेंड़रों के अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही है ट्रांसजेंडर महिला की पासपोर्ट एप्लीकेशन
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में कोलकाता पासपोर्ट ऑफिस के द्वारा एक ट्रांसजेंडर महिला की पासपोर्ट एप्लीकेशन रद्द करने का मामला सामने आया है. जब इस मामले में महिला ने पासपोर्ट ऑफिस से इस संबंध में संपर्क किया तो संबंधित अधिकारी ने ट्रांसजेंड़रों के अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही है. बताया जा रहा है कि एक महिला कारोबारी संदीपता दास की पासपोर्ट एप्लीकेशन पासपोर्ट ऑफिस ने ट्रांसजेंड़र होने कारण रद्द कर दी थी. अपनी एप्लीकेशन में संदीपता ने खुद को महिला बताया था. ये घटना 19 फरवरी 2018 को हुई थी.
जब महिला ने पासपोर्ट ऑफिस में सहायक पासपोर्ट अधिकारी से संपर्क किया तो उनसे बताया कि एलजीबीटी व्यक्तियों से संबंधित नियमों और विनियमों का हवाला देते हुए कहा कि मैं आपके आवेदन को स्वीकार नहीं कर सकता. संदीपता दास ने बताया कि 17 फरवरी 2018 को उन्होंने पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया था. जब 19 फरवरी को दस्तावेज लेकर ऑफिस पहुंची तो अधिकारी ने उन्हें बताया कि उनका पासपोर्ट नहीं बन सकता है.
इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए संदीपता बताती हैं कि वो अपने सारे दस्तावेज (वोटर कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड और हलफनामा) लेकर पहुंची थी. जिनमें शुरुआत से उनका जेंडर फीमेल की दिखाया गया है. वहीं पासपोर्ट अधिकारी ने उनकी एप्लीकेशन रिजेक्शन पर लिखा है कि उनका फॉर्म एसआरएस (सेक्स रिसाइंमेंट सर्जरी) रिपोर्ट न होने के लिए अस्वीकार किया गया है.
बता दें कि ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) बिल 2016 अभी तक संसद में पारित नहीं हो सका है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण वर्सेस भारत संघ, 2014 के फैसले में ट्रांसजेंड़र पर्सन को तीसरे लिंग के रूप में स्वीकार किया है. कोर्ट के अनुसार संविधान के तहत दिए गए मौलिक अधिकार उन पर भी लागू होते हैं.
समलैंगिकों के लिए गुजरात में बनेगा चिकित्सा केंद्र, माधवेंद्र सिंह गोहिल अपने महल से करेंगे शुरुआत