नई दिल्ली: कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ रेप-दुष्कर्म मामले को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पूरी तरह से घिरी हुई है. इस मामले को लेकर देश में डॉक्टर्स लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. वे अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कानून लाने की मांग कर रहे हैं. वहीं, मामले की जांच […]
नई दिल्ली: कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ रेप-दुष्कर्म मामले को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पूरी तरह से घिरी हुई है. इस मामले को लेकर देश में डॉक्टर्स लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. वे अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कानून लाने की मांग कर रहे हैं. वहीं, मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जा चुकी है. सीबीआई के अधिकारी कोलकाता के आरजी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में पहुंचकर केस की जांच कर रहे हैं. इस बीच बीजेपी समेत तमाम विपक्षी दल ममता सरकार को घेरने में जुटे हुए हैं.
कोलकाता रेप केस पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने सुनवाई की. इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने CBI से 22 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह बहुत गंभीर मामला है. बता दें कि सीबीआई जांच ममता बनर्जी सरकार को मुश्किल में डाल सकती है. विपक्षियों ने आरोप लगाया है कि ममता सरकार ने घटना के बाद सबूतों को मिटाने की कोशिश की. साथ ही पुलिस ने मामले की लीपापोती करने का भी प्रयास किया. ऐसे में अगर सर्वोच्च न्यायालय मामले में कुछ एक्शन लेता है तो टीएमसी सरकार उससे प्रभावित हो सकती है.
मालूम हो कि कोलकाता रेप केस को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) काफी मुखर है. बीजेपी इसे 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बना सकती है. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को महिलाओं का काफी समर्थन मिलता है. सीएम ममता बनर्जी की महिला वोट बैंक पर अच्छी पकड़ है. ऐसे में अगर भाजपा असेंबली इलेक्शन में इसे मुद्दा बनाती है तो टीएमसी से महिलाओं को वोट बैंक खिसक सकता है और उसे सत्ता भी गंवानी पड़ सकती है.