नई दिल्ली. कोहिनूर हीरा एक बार फिर सुर्खिओं में है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) का कहना है कि इसे लाहौर (उस वक्त पंजाब रियासत की राजधानी) के महाराजा दिलीप सिंह ने ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया को समर्पित किया था. द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक एएसआई ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी में ये खुलासा किया है. एएसआई ने बताया है कि 1849 में लॉर्ड डलहौजी और लाहौर के महाराजा दिलीप सिंह के बीच एक संधि हुई थी.
इसे ‘लाहौर संधि’ के नाम से जाता है. इसी संधि के तहत ही महाराजा दिलीप सिंह ने महारानी विक्टोरिया को कोहिनूर हीरा समर्पित किया था.इससे पहले केंद्र सरकार ने कोहिनूर से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट को बताया कहा था कि पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह के वंशजों ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को कोहिनूर उपहार में दिया था. केंद्र सरकार ने ये भी बताया कि कोहिनूर हीरे को न तो छीना गया था और न ही चुराया गया था.
लुधियाना के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता रोहित सभरवाल ने बताया कि उन्होंने कोहिनूर हीरे में के बारे में अधिक जानकारी के लिए मांगने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पत्र लिखा था. संभव है कि इस पत्र को पीएमओ ने एएसआई को फॉरवर्ड कर दिया हो. हालांकि, एएसआई ने जो जानकारी मुहैया करवाई है वो सरकार के शीर्ष अदालत को बताई जानकारी से अलग है.
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