नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में संपत्ति खरीदना अब महंगा हो जाएगा। इसका कारण एमसीडी का संपत्ति के रजिस्ट्रेशन पर लगने वाले ट्रांसफर फीस में एक फीसदी की बढ़ोतरी का फैसला है। हालांकि, यह बढ़ोतरी 25 लाख रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति की खरीद पर ही प्रभावी होगी। निगम की आर्थिक स्थिति में […]
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में संपत्ति खरीदना अब महंगा हो जाएगा। इसका कारण एमसीडी का संपत्ति के रजिस्ट्रेशन पर लगने वाले ट्रांसफर फीस में एक फीसदी की बढ़ोतरी का फैसला है। हालांकि, यह बढ़ोतरी 25 लाख रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति की खरीद पर ही प्रभावी होगी।
बताया जा रहा है कि एक प्रतिशत संपत्ति ट्रांसफर शुल्क के बाद दिल्ली नगर निगम के राजस्व में सालाना एक हजार करोड़ रुपये की वृद्धि होने का अनुमान है। इससे निगम को अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार करने में मदद मिलेगी। यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए दिल्ली सरकार के पास भेजा जाएगा। सरकार से अनुमति मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा।
एमसीडी के अस्तित्व में आने के बाद मंगलवार को विशेष अधिकारी अश्विनी कुमार की अध्यक्षता में पहली एजेंडा बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बैठक में करीब 15 प्रस्तावों पर चर्चा हुई। फिलहाल दिल्ली सरकार पुरुषों से छह फीसदी जबकि महिलाओं से चार फीसदी स्टांप शुल्क लेती है। इसमें एमसीडी की हिस्सेदारी पुरुषों के लिए तीन फीसदी, जबकि महिलाओं के लिए दो फीसदी है। शुल्क बढ़ाने के निर्णय के बाद यह शुल्क पुरुषों के लिए चार प्रतिशत और महिलाओं के लिए तीन प्रतिशत होगा।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में तत्कालीन दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने इस वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूर किया था। लेकिन दिल्ली सरकार की मंजूरी नहीं होने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका था। उत्तरी निगम ने भी इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, जबकि पूर्वी निगम में यह प्रस्ताव पारित नहीं हुआ था। तीनों निगमों के विलय के बाद एमसीडी ने फीस में एकरूपता लाने के लिए इस बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
एमसीडी की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है, क्योंकि 7,200 करोड़ वाले निगम का वार्षिक खर्च 9 हजार करोड़ रुपये है। विकास कार्यों बाधित तो है ही, साथ ही श्रमिकों को वेतन देने में भी समस्या हो रही है। इसे देखते हुए निगम ने सभी विभागों से राजस्व बढ़ाने के लिए योजना तैयार करने को कहा है।
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