नई दिल्ली। अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम की रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर केंद्र सरकार ने जवाब दिया है. केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने अदालत को बताया है कि केंद्र सरकार तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी द्वारा पुर्तगाली सरकार को दिए गए आश्वासन से बाध्य है कि अबू सलेम को […]
नई दिल्ली। अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम की रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर केंद्र सरकार ने जवाब दिया है. केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने अदालत को बताया है कि केंद्र सरकार तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी द्वारा पुर्तगाली सरकार को दिए गए आश्वासन से बाध्य है कि अबू सलेम को दी गई अधिकतम सजा 25 साल से अधिक नहीं होगी.
आपको बता दें कि अबू सलेम को 25 साल से ज्यादा कैद की सजा न देने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था. सलेम ने पुर्तगाल से अपने प्रत्यर्पण के समय भारत सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन पर आधारित है. इसके जवाब में दाखिल हलफनामे में केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि अबू सलेम की 25 साल की सजा 10 नवंबर 2030 को खत्म हो जाएगी. गृह सचिव ने कहा कि अबू सलेम का नियमों का पालन न करने का तर्क समय से पहले और काल्पनिक पर आधारित था.
केंद्र ने हलफनामे में यह भी कहा कि न्यायपालिका आपराधिक मामलों सहित सभी मामलों में लागू कानूनों के अनुसार निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है और किसी भी तरह से कार्यपालिका द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय से बाध्य नहीं है.
मामले की सुनवाई 21 अप्रैल को होगी. यह मामला जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है.अदालत ने इससे पहले केंद्र से इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था.
गौरतलब है कि 2 फरवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अबू सलेम की ओर से दायर याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था. साल 1993 में सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में सलेम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. सलेम ने अपनी याचिका में कहा था कि भारत और पुर्तगाल के बीच प्रत्यर्पण संधि की शर्तों के मुताबिक उसे 25 साल से ज्यादा जेल में नहीं रखा जा सकता.
अबू सलेम को 2005 में पुर्तगाल से भारत प्रत्यर्पित किया गया था. इस मामले में सलेम ने याचिका में हिरासत की अवधि को आधार बनाया है. सलेम का कहना है कि उसकी कैद की गिनती 2002 से की जानी चाहिए न कि 2005 से. सलेम को मुंबई के बिल्डर प्रदीप जैन हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.
आपको बता दें कि 1993 में मुंबई में 12 सीरियल बम धमाके हुए थे, जिसमें 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.