Nayab Singh Saini: जानें कौन हैं नायब सैनी, बनेंगे हरियाणा के नए मुख्यमंत्री

चंडीगढ़: हरियाणा में जारी सियासी उठापटक के बीच आज सुबह 11:50 बजे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद चंडीगढ़ स्थित बीजेपी प्रदेश कार्यालय में पार्टी विधायक दल की बैठक चल रही है. मीडिया रिपोर्ट्स मुताबिक इस मीटिंग में नायब सिंह सैनी का नाम विधायक दल के नेता के रूप […]

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Nayab Singh Saini: जानें कौन हैं नायब सैनी, बनेंगे हरियाणा के नए मुख्यमंत्री

Vaibhav Mishra

  • March 12, 2024 2:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 months ago

चंडीगढ़: हरियाणा में जारी सियासी उठापटक के बीच आज सुबह 11:50 बजे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद चंडीगढ़ स्थित बीजेपी प्रदेश कार्यालय में पार्टी विधायक दल की बैठक चल रही है. मीडिया रिपोर्ट्स मुताबिक इस मीटिंग में नायब सिंह सैनी का नाम विधायक दल के नेता के रूप में चुना गया है. यानी अब नायब सैनी हरियाणा के अगले मुख्यमंत्री होंगे. इस बीच आइए जानते हैं कि नायब सिंह सैनी कौन हैं…

खट्टर के करीबी माने जाते हैं सैनी

बता दें कि नायब सिंह सैनी की गिनती मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का करीबी नेताओं में होती है. इसके साथ ही उन्हें लंबा सियासी अनुभव भी है. नायब का ताल्लुक ओबीसी में सैनी समाज से है. फिलहाल वह हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष पद हैं. इसके साथ ही वे कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद भी हैं. सैनी 2014 से 2019 तक की हरियाणा की खट्टर सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.

शाम 5 बजे हो सकता है शपथ ग्रहण

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाम 5 बजे राजभवन में हरियाणा के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह होगा. उधर, जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत चौटाला ने दिल्ली में अपने विधायकों की बैठक बुलाई है, जिसमें उनकी पार्टी के 5 विधायक नहीं पहुंचे हैं. बताया जा रहा है कि ये सभी विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. मालूम हो कि हरियाणा विधानसभा में जजपा के 10 सदस्य हैं.

कल नड्डा से मिले थे दुष्यंत चौटाला

गौरतलब है कि कल (सोमवार) शाम जजपा के राष्ट्रीय महासचिव और हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंच चौटाला ने दिल्ली में बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. बताया जा रहा है कि जजपा चुनाव में 1 से 2 लोकसभा सीटों की मांग कर रही थी, लेकिन बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व और राज्य संगठन सभी 10 लोकसभा सीटों पर खुद ही चुनाव लड़ने के पक्ष में थी. जानकारी के मुताबिक गठबंधन में टूट की यही वजह है.

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