दिल्ली मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने दिल्ली की तीन राज्यसभा टिकटों में से एक टिकट पर संजय सिंह के नाम पर मुहर लगा दी है. सुल्लतान पुर के रहने वाले संजय सिंह पार्टी के ईमानदार और साफ छवि के कारण ये जिम्मेदारी सौंपी गयी हैं. संजय सिंह ने आरटीआई, सामाजिक कार्यों और अन्ना आंदोलन में केजरीवाल के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़े रहे हैं.
नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी में दिल्ली की तीन राज्यसभा सीटों में से एक सीट संजय सिंह के नाम हो चुकी है. संजय सिंह आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेता हैं. जिनका नाम शुरू से ही इस रेस में सबसे आगे चल रहा था. संजय सिंह आप पार्टी के ऐसे नेता हैं जिन्हें सीएम अरविंद केजरीवाल का दूसरा हाथ कहा जाता है. बता दें राज्यसभा चुनाव के लिए संजय सिंह 4 जनवरी को दरियागंज में नामांकन दाखिल करेंगे.
संजय सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश सुल्लतान पुर के रहने वाले हैं. जिन्होंने 1990 में उड़ीसा स्कूल ऑफ़ माइनिंग इंजीनियरिंग से खनन अभियांत्रिकी में डिप्लोमा किया था. संजय सिंह सामाजिक कार्यों से राजनीति में उतरे हैं. संजय सिंह पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की चहेतों की लिस्ट में टॉप नेताओं में से एक है. संजय सिंह ने स्वराज और अन्ना आंदोलनों में भी अहम भूमिका निभाई है.
संजय सिंह ने 2013 विधानसभा चुनाव, 2014 लोकसभा चुनाव और 2017 में हुए पंजाब विधानसभा चुनावों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. इनकी खास भूमिका इस बात से भी तय होती है कि आम आदमी पार्टी की कोर समिति के सदस्य भी हैं.
आम आदमी पार्टी की सर्वोच्च इकाई पीएसी की बैठक में सबसे पहले संजय सिंह के नाम पर ही मुहर लगी हैं. इस मुहर पर सिर्फ अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया की रजामंदी नहीं बल्कि पार्टी के ज्यादातर नेताओं की एक राय से हुआ है.
कहा जाता है कि संजय सिंह और केजरीवाल की साफ छवि के कारण हाल में हुई यूपी के निकाय चुनावों में पहली ही बारी में आप को 50 सीटें मिली थी. राजनीतिक पंडितों की माने तो संजय सिंह को उनकी ईमानदारी, साफ छवि, कद्दावर नेता होने के नाते उन्हें राज्यसभा सीट की टिकट मिली है. खैर संजय सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगे थे. जिसके आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने विधायक देवेंद्र सहरावत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा ठोका था.
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