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Chhath Puja 2022: जानिए क्या है छठ पूजा के पीछे की कहानी, नारंगी सिंदूर का क्यों किया जाता है इस्तेमाल?

नई दिल्ली। सबसे कठिन व्रतों में से एक छठ पूजा की शुरूआत इस बार 28 अक्टूबर से हो गई है। हर वर्ष यह पर्व कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है। हिंदु मान्याताओं के मुताबिक छठ पूजा करने के पीछे बहुत ही रोचक कहानी है। पांडवों से जुड़ी है छठ पूजा की कहानी बता दें […]

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Chhath Puja
  • October 29, 2022 2:22 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। सबसे कठिन व्रतों में से एक छठ पूजा की शुरूआत इस बार 28 अक्टूबर से हो गई है। हर वर्ष यह पर्व कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है। हिंदु मान्याताओं के मुताबिक छठ पूजा करने के पीछे बहुत ही रोचक कहानी है।

पांडवों से जुड़ी है छठ पूजा की कहानी

बता दें कि महाभारत काल में पांडव कौरवों से अपना सारा राजपाट जुए में हार गए थे। तब पांडवों की पत्नी द्रौपदी ने कठिन छठ व्रत रखा था, जिससे प्रसन्न होकर छठी मां प्रसन्न होकर पांडवों को उनका सारा राजपाट वापस लौटा दिया था। इसी कारण लोगों के अंदर ये मान्यता है कि छठ व्रत करने से घरों में सुख-समृद्धि का विस्तार होता है।

सूर्य को अर्घ्य देने के पीछे ये है कारण

हिंदू पौराणिक लोक कथाओं के अनुसार महाभारत काल में सूर्य पुत्र कर्ण ने ही सबसे पहले भगवान सूर्य की पूजा की थी। ऐसा कहा जाता है की दानवीर कर्ण घंटों तक पानी में खड़े होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देते थे। भगवान सूर्य के आर्शीवाद से ही कर्ण एक महान योद्धा बने थे, इसी के कारण आज भी छठ पूजा में अर्घ्य देने की पद्धति प्रचलित है।

नारंगी सिंदूर के इस्तेमाल का ये है कारण

ऐसा भी कहा जाता है नांरगी रंग का सिंदूर लगाने से उनके पति के व्यापार में बरकत आता है, हर राह में सफलता मिलती है और वैवाहिक जीवन भी खुशहाल रहता है। वैसे हिंदु धर्म ग्रंथों के मुताबिक नांरगी रंग को हनुमान जी का शुभ रंग माना जाता है।

महिलाएं लंबी सिंदूर का करती हैं प्रयोग

गौरतलब है कि हिंदु धर्म ग्रंथ के मुताबिक सिंदूर को सुहाग की निशानी माना जाता है। वहीं छठ के पर्व में महिलाएं नाक से मांग तक सिंदूर की लंबी रेखा इस लिए बनाती है ताकि उनके पति की उम्र लंबी हो। ऐसा माना जाता है कि सिंदूर को जितना लंबा रखा जाता है पति की उम्र उतनी ही लंबी होती है। सिंदूर को पति के लिए शुभ माना जाता है और लंबा सिंदूर लगाना परिवार की सुख सपन्नता का प्रतीक होता है। छठ पूजा के दिन महिलाओं द्वारा लंबा सिंदूर लगाने से परिवार में खुशहाली आती है। छठ पूजा के दौरान व्रती महिलाएं अपने बच्चों और पति के लिए सुख, शांति और लंबी आयु की कामना करती हैं और अर्घ्य देकर अपने व्रत को पूरा करती हैं।

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