नई दिल्ली. उत्तर भारत में गर्मी का सितम लगातार जारी है. यूपी के जिलों में हीट वेव चल रहा है. कई इलाकों में तापमान लगातार 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर बना हुआ है. आइए जानते हैं कि हीटववे क्या होता है और गर्मी के दिनों में इससे कैसे बचा जा सकता है. हीट वेव और […]
नई दिल्ली. उत्तर भारत में गर्मी का सितम लगातार जारी है. यूपी के जिलों में हीट वेव चल रहा है. कई इलाकों में तापमान लगातार 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर बना हुआ है. आइए जानते हैं कि हीटववे क्या होता है और गर्मी के दिनों में इससे कैसे बचा जा सकता है.
हीट वेव बहुत अधिक गर्म मौसम में देखने को मिलता है. आमतौर पर ये 2 या 3 दिनों तक रहते हैं. जब भी किसी क्षेत्र का तापमान ऐतिहासिक औसत से अधिक हो जाता है तो इसको हीट वेव कहते हैं, बोलचाल की भाषा में इसको लू भी कहते हैं. मौसम विभाग की माने तो मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी इलाकों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के ऊपर चला जाता है तो वो लू की कैटेगरी में आ जाता है. वहीं अगर तापमान पहाड़ी इलाकों में 37 डिग्री और मैदानी इलाकों में 47 डिग्री सेल्सियस के ऊपर होता है तो ये खतरनाक लू और हीट वेव के कैटेगरी में आता है.
बता दें कि गर्मी के दिनों में बीमारियों का खतरा बहुत बढ़ जाता है. ऐसे में जरा सी लापवाही हीट स्ट्रोक, डायरिया और डिहाइड्रेशन जैसी बीमारियों को जन्म देने लगती है. गर्मी के दिनों में हीट वेव से बचने के कई उपाय हैं, जिनको अपनाया जा सकता है.
गर्मी के दिनों में सबसे ज्यादा खतरा डिहाइड्रेशन का होता है. इसमें शरीर के अंदर पानी की कमी होने लगती है. इससे बचाव के लिए पानी अधिक पीना चाहिए और मौसमी फल जैसे तरबूज, खरबूज, ककड़ी और खीरा आदि का सेवन करना चाहिए.
अधिकतर देखने को मिलता है कि गर्मी के दिनों में कई तरह की सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन बढ़ जाता है. लेकिन कार्बोनेटेड ड्रिक्ंस से बचना चाहिए. इसमें भारी मात्रा में शुगर और हानिकारक प्रिजर्वेटिव होते हैं. इसकी जगह शरबत, शिकंजी, लस्सी और नारियल पानी जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए.
इनसब के अलावा गर्मी के दिनों में ज्यादा तेल-मसाला और तले-भुने भोजन को खाने से बचना चाहिए. इऩ दिनों कॉफी और चाय का सेवन भी कम करना चाहिए. इसके अलावा बाहर धूप में निकलते समय हल्के रंग के कॉटन कपड़ों से शरीर को ढकना चाहिए.