बेंगलुरु। राष्टीय संयोजक अरविंद केजरीवाल संयोजक आम आदमी पार्टी ने कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल उन्होंने उच्च न्यायालय से आप को राष्ट्रीय पार्टी बनाने की मांग की है। हालांकि पार्टी के इस याचिका पर हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को 13 अप्रैल तक फैसला देने का वक्त दिया है। आइए जानते हैं कि राजनीतिक […]
बेंगलुरु। राष्टीय संयोजक अरविंद केजरीवाल संयोजक आम आदमी पार्टी ने कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल उन्होंने उच्च न्यायालय से आप को राष्ट्रीय पार्टी बनाने की मांग की है। हालांकि पार्टी के इस याचिका पर हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को 13 अप्रैल तक फैसला देने का वक्त दिया है। आइए जानते हैं कि राजनीतिक पार्टी जब राष्ट्रीय पार्टी बन जाती है तो उसको चुनाव में क्या फायदा मिलता है।
राष्ट्रीय पार्टी बनने पर राजनीतिक पार्टी को एक विशिष्ट चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाता है और इस चिन्ह को पूरे देश में कोई भी राजनीतिक पार्टी नहीं ले सकती है।
बता दें कि गुजरात चुनाव के बाद ‘आम आदमी पार्टी’ ने राष्ट्रीय पार्टी बनने का दावा किया था। लेकिन अभी तक चुनाव आयोग द्वारा पार्टी को ये दर्जा नहीं दिया गया है, इस बात से नाराज होकर पार्टी ने चुनावी राज्य कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। ‘आप’ की तरफ से राज्य के पार्टी संयोजक पृथ्वी रेड्डी की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका में कहा गया है कि पार्टी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने की सारी शर्तों को पूरी करती है। दरअसल अगर किसी भी पार्टी को चार से अधिक राज्यों में 6 फीसदी से अधिक वोट प्राप्त होता है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त हो जाता है। इसी तर्क के जरिए पार्टी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
गौरतलब है कि अभी भारत में करीब 400 राजनीतिक पार्टियां हैं और इनमें से सिर्फ 7 पार्टियों को ही राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है। भारत में तीन स्तर की राजनीतिक पार्टियां होती हैं, राष्ट्रीय पार्टी, राज्य स्तरीय पार्टी और क्षेत्रीय पार्टी। देश मे अभी 35 राज्य स्तरीय राजनीतिक दल मौजूद हैं और 250 से ज्यादा क्षेत्रीय दल हैं।