Budget 2019 Income Tax 5 Lakh Rebate Exemption Truth Explained: इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं, 5 लाख तक कमाई पर 12500 की कर रियायत मिली है

Budget 2019 Income Tax 5 Lakh Rebate Exemption Truth Explained: लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार के आखिरी बजट में कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 5 लाख तक की कमाई पर इनकम टैक्स नहीं लगने का जो ऐलान किया है वो असल में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं है. टैक्स छूट अब भी 2.50 लाख रुपए ही है लेकिन टैक्स रियायत को 2500 रुपए से बढ़ाकर 12500 रुपए कर दिया गया है जिसका फायदा उठाते हुए 5 लाख तक कमाने वाले टैक्स फ्री हो गए हैं.

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Budget 2019 Income Tax 5 Lakh Rebate Exemption Truth Explained: इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं, 5 लाख तक कमाई पर 12500 की कर रियायत मिली है

Aanchal Pandey

  • February 1, 2019 7:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव से पहले अंतरिम बजट के नाम पर नरेंद्र मोदी सरकार के छठे चुनावी बजट में कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने जब भाषण के दौरान कहा कि अब 5 लाख तक की आय वालों को टैक्स नहीं लगेगा. गोयल ने ये भी कहा कि अगर वो बीमा जैसी टैक्ट छूट वाली चीजों में निवेश करेंगे तो ये नो टैक्स की ये छूट 6.50 लाख तक की कमाई तक जा सकती है. इसके साथ ही चैनल से लेकर वेबसाइट तक ये खबर चल गई कि सरकार ने आयकर छूट की सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया है. ब्रेकिंग चली. संसद में मोदी-मोदी-मोदी के नारे लगे और सोशल मीडिया पर बीजेपी के जयकारे लगे. कुछ देर बाद जब लोगों ने वित्त विधेयक देखा और वित्त मंत्रालय की सफाई आई तो पता चला कि बजट में टैक्स स्लैब या टैक्स की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. टैक्स छूट (Tax Exemption) के बदले सरकार ने टैक्स रियायत (Tax Rebate)का रास्ता पकड़ा और वहां टैक्स रियायत को 2500 रुपए से बढ़ाकर 12500 रुपए कर दिया जिसका सीधा मतलब ये निकला कि जिन लोगों की आय 5 लाख रुपए तक है और वो कोई निवेश कहीं ना भी करें तो उनको टैक्स नहीं लगेगा. एक तरह से मोदी सरकार टैक्स छूट और टैक्स रियायत के बीच के कन्फ्यूजन में 5 लाख तक टैक्स नहीं लगने का सधा हुआ शॉट खेल गई है. ये कैसे काम करेगा, इसे आगे समझिए.

  1. इस खेल को समझने के लिए ये समझना सबसे पहले जरूरी है कि टैक्स छूट और टैक्स रियायत क्या है. टैक्स छूट वो कमाई है जिस कमाई के रेंज को आधार बनाकर टैक्स फ्री, 5 परसेंट से 30 परसेंट तक टैक्स लगाया जाता है. 2.50 लाख रुपए की सीमा टैक्स छूट है जिसका मतलब है कि इससे कम कमाई वालों को टैक्स नहीं लगेगा.
  2. लेकिन टैक्स रियायत किसी आदमी की कमाई पर बन रहे टैक्स में माफी जैसी चीज है. इसका कमाई से सीधा वास्ता नहीं है बल्कि उस पर लगने वाले टैक्स से संबंध है. अभी तक 87 ए के तहत 2500 रुपए की कर रियायत है जिसे पीयूष गोयल ने बढ़ाकर 12500 रुपए करने का बजट प्रस्ताव पेश किया है. इसका मतलब ये हुआ कि जिस किसी पर टैक्स बनेगा, उसे अब 12500 रुपए तक टैक्स की माफी मिल जाएगी.
  3. पांच लाख तक की कमाई वालों को टैक्स में 13 हजार देना होता था. 2.50 लाख रुपए की टैक्स छूट देने के बाद बचते थे 2.5 लाख रुपए और उस पर 5 परसेंट टैक्स के हिसाब से बनते थे 12,500. इस टैक्स पर 4 परसेंट एजुकेशन सेस लगता था और कुल टैक्स हो जाता था 13000 रुपए. अब इनको टैक्स नहीं देना होगा. इसका फायदा सिर्फ उन लोगों को मिलेगा जिनकी आय कम है और वो उस कम आय पर भी 5 परसेंट टैक्स दे रहे थे. सरकार को इस टैक्स स्लैब से कोई बहुत ज्यादा कमाई होती नहीं थी क्योंकि आयकर से सबसे ज्यादा पैसा 20 परसेंट और 30 परसेंट टैक्स स्लैब से आता है. उस स्लैब के लोगों को कोई राहत नहीं मिली है सिवाय नौकरी-पेशा वालों को स्टैंडर्ड डिडक्शन में 10 हजार की राहत के जिसे 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दिया गया है.
  4. मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए टैक्स दरों यानी टैक्स की स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है. अभी देश में नागरिकों के लिए कुल चार टैक्स स्लैब हैं. पहला स्लैब 2.50 लाख रुपए तक का है जिस पर कोई टैक्स नहीं लगता. दूसरे स्लैब में 2.50 लाख से 5 लाख तक की कमाई पर 5 परसेंट टैक्स लगता है. तीसरे स्लैब में 5 लाख से 10 लाख तक की कमाई करने वालों को 20 परसेंट टैक्स लगता है. चौथे स्लैब में 10 लाख से ज्यादा कमाने वालों को 30 परसेंट टैक्स देना पड़ता है. ये चारो टैक्स रेट वैसे ही रखे गए हैं. इसी तरह के 4 स्लैब में 60 से 80 साल और 80 साल से ज्यादा उम्र वाले सीनियर सिटिजन को टैक्स छूट में 3 से 5 लाख तक की टैक्स छूट है.
  5. साल 2017-18 तक आयकर के तीन स्लैब थे. 10 परसेंट, 20 परसेंट और 30 परसेंट. अरुण जेटली ने 2017 के बजट में 10 परसेंट को घटाकर 5 परसेंट कर दिया था और इससे ऊपर के स्लैब वालों को 12500 रुपए की टैक्स रियायत दे दी थी. टैक्स रियायत मतलब जो भी टैक्स बना उसमें उतने रुपए कम हो जाते थे. मान लीजिए कि आपकी कमाई पर सरकार का टैक्स 20 हजार रुपए बन रहा है तो आप इस स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा उठाकर मात्र 7500 रुपए टैक्स देते थे.

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