Republic Day 2023: जानिये क्या है आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के सैल्‍यूट में फर्क

नई दिल्ली: आज देश अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. गणतंत्र दिवस की 74वीं वर्षगांठ पर राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्‍य पथ पर तीनों सेनाओं की टुकड़ी से सलामी ली. इससे पहले पीएम मोदी ने वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रृद्धांजलि भी दी थी. बता दें, इस साल पहली बार मिस्र की एक सैनिक […]

Advertisement
Republic Day 2023: जानिये क्या है आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के सैल्‍यूट में फर्क

Riya Kumari

  • January 26, 2023 4:37 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: आज देश अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. गणतंत्र दिवस की 74वीं वर्षगांठ पर राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्‍य पथ पर तीनों सेनाओं की टुकड़ी से सलामी ली. इससे पहले पीएम मोदी ने वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रृद्धांजलि भी दी थी. बता दें, इस साल पहली बार मिस्र की एक सैनिक टुकड़ी भी परेड का हिस्सा बनी. राष्‍ट्रपति की सलामी के साथ ही गणतंत्र दिवस की परेड की शुरुआत होती है. जहां आपने भी देखा होगा कि थल सेना, जल सेना और वायुसेना के सैल्‍यूट करने का तरीका अलग-अलग होता है. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि तीनों में क्‍या फर्क है.

आर्मी सैल्‍यूट

आपने देखा होगा कि इंडियन आर्मी यानी भारतीय थल सेना का सैल्यूट पूरी हथेली दिखाकर दिया जाता है. सैल्यूट करते समय हाथ का पूरा पंजा सामने की ओर खुला होता है और सभी अंगुलियां खुली रहती हैं. इस दौरान हथेली का अंगूठा सिर और आईब्रो के बीच में होता है. आर्मी सैल्‍यूट भरोसे का प्रतीक होता है और यह इस बात को साबित करता है कि सैनिक बिना दुर्भावना के सलामी कर रहा है और उसके पास कोई छिपा हुआ हथियार नहीं है.

इंडियन नेवी सैल्‍यूट

भारतीय नौसेना का सैल्यूट आर्मी सैल्‍यूट से काफी अलग होता है. इसमें हथेली दिखाई नहीं देती और हाथ पूरी तरह से नीचे की ओर मुड़ा रहता है.हालांकि इस सैल्‍यूट में भी अंगूठा माथे पर सिर और आईब्रो के बीच में रहता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जहाज पर काम करने वाले सैनिकों के हाथ अक्‍सर तेल के दाग और गंदगी से खराब होते थे. ऐसे में सैल्यूट बताता है कि नौसैनिक अपने सीनियर्स का अनादर नहीं कर सकते हैं. इसके अलावा इसमें हथेलियों को जमीन की ओर करके सलामी दी जाती है यह अलग तरह की परंपरा है.

वायु सेना का सैल्यूट

इंडियन एयर फोर्स यानी भारतीय वायु सेना का सैल्यूट कुछ हद तक आर्मी की ही तरह हुआ करता था. हालांकि एयर फोर्स ने साल 2006 में अपने जवानों के सैल्यूट को बदल दिया और इसे नया बना दिया. नेवी सैल्यूट के दौरान हाथ और जमीन के बीच 45 डिग्री का कोण दिखाई देता है. सैल्‍यूट करते हुए वायु सेना आसमान की ओर अपने कदम को दिखाती है जो उनकी सेना का प्रतीक है.

दिल्ली का अगला मेयर, गुजरात चुनाव और फ्री रेवड़ी, मनीष सिसोदिया ने बताए सारे राज!

India News Manch पर बोले मनोज तिवारी ‘रिंकिया के पापा’ पर डांस करना सबका अधिकार

Advertisement