Rahul Gandhi: राहुल गांधी के एक बयान से अब एक और नया विवाद पैदा हो गया है। राहुल गांधी द्वारा भारत जोड़ो यात्रा में दिए इस बयान पर भाजपा ने जमकर हमला किया। राहुल गांधी ने यह बयान पुजारी और तपस्वी के बारे में दिया था। राहुल गांधी ने कहा “भारत तपस्वी का है, पुजारी […]
Rahul Gandhi: राहुल गांधी के एक बयान से अब एक और नया विवाद पैदा हो गया है। राहुल गांधी द्वारा भारत जोड़ो यात्रा में दिए इस बयान पर भाजपा ने जमकर हमला किया। राहुल गांधी ने यह बयान पुजारी और तपस्वी के बारे में दिया था। राहुल गांधी ने कहा “भारत तपस्वी का है, पुजारी का नहीं”। अब इस बयान के बाद बाद एक नई बहस शुरू हो गई है. ताज़ा खबरों के मुताबिक, पुजारी और संत दोनों ही राहुल गांधी के इस बयान की कड़ी निंदा कर रहे हैं.
राहुल गांधी की इस बयान के सामने आने के बाद, हर कोई पुजारी और तपस्वी पर बहस में अपने तर्क दे रहा है. अगर हिंदी शब्दकोष के आधार पर बात करें तो पुजारी शब्द का अर्थ होता है वह व्यक्ति जो किसी के प्रति समर्पित हो. यानी कि वह व्यक्ति जो किसी भी देवी-देवता, मूर्ति या मूर्ति की पूजा करें। मिसाल के तौर पर जो व्यक्ति पूजा और कर्मकांड की विधि को बताता है और नियमित रूप से मंदिर में पूजा करता है, उसे पुजारी कहा जाएगा।
हिंदी शब्दकोष के आधार पर आपको बता दें, घोर तपस्या या साधना करने वाले को तपस्वी कहा जाता है. यानी कि जो व्यक्ति तपस्या में लीन रहता है। मिसाल के तौर पर सन्यासी, साधु-संत तपस्वियों की श्रेणी में आते हैं
पुजारियों ने राहुल गांधी के बयान पर नाराजगी जताई है। अखिल भारतीय अध्यक्ष युवा तीर्थ पुरोहित महासभा पंडित उज्जवल ने बयान की निंदा करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने ऐसा भाषण देकर भारत की संस्कृति और परंपरा का अपमान किया है. उन्हें पता होना चाहिए कि हजारों वर्षों की गुलामी झेलने के बावजूद भारतीय संस्कृति ने विश्व में अपना परचम लहराया है।
वहीं पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल मुनि का कहना है कि भारत सबका देश है, पूजा के बाद पुजारी ही तपस्वी बनता है. महामोंडालेश्वर का कहना है कि कोई भी व्यक्ति पूजा कर सकता है, लेकिन बेहद कम लोग ही तपस्या करते हैं, लेकिन दोनों में समानता है।