दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज पुण्यतिथि पर देश भर में उन्हें याद किया जा रहा है। भारत रत्न राजीव गांधी की 21 मई 1991 को एक आत्मघाती बम धमाके में हत्या हो गई थी। उनके जन्म के तीन साल बाद देश आजाद हुआ था। राजनीतिक परिवार में पैदा हुए राजीव ने बड़े होने के साथ न केवल जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की राजनीतिक विरासत को संभाला, बल्कि देश को तकनीक व दूरसंचार की दुनिया में बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए अभूतपूर्व कार्य किए। राजीव का बचपन, शिक्षा, राजनीतिक जीवन और लव लाइफ इन सब के बहुत दिलचस्प किस्से कहानियों से भरें पड़े है. आइए जानते हैं
राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 में हुआ था। जब देश आजाद हुआ था. तब राजीव गांधी महज 3 साल के थे. 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ था। बतौर पीएम राजीव गांधी नेहरू-गांधी परिवार के आखिरी सदस्य थे। राजीव के बाद से अब तक गांधी परिवार कोई प्रधानमंत्री के पद पर नहीं बैठ सका है. राजनीति में आज भीराजीव गांधी का परिवार पूरी तरह से सक्रिय है।
बता दें कि राजीव गांधी ने साल 1970 में एयर इंडिया के साथ अपने करियर की शुरुआत की। राजीव गांधी ने इंजीनियरिंग करने के लिए कॉलेज में एडमिशन लिया, लेकिन राजीव ने खुद को किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रखा. इसके बाद उन्होने लंदन और फिर कैंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से तीन साल पढ़ाई की लेकिन राजीव को डिग्री नहीं मिल पाई.
गौरतलब है कि यह बात कम ही लोग जानते हैं कि राजीव गांधी को विमान उड़ाने के अलावा फोटोग्राफी का भी शौक था. राजीव की तस्वीरों को छापने के लिए बहुत से पब्लिशर्स ने मशक्कत की लेकिन राजीव गांधी ने कभी अनुमति नहीं दी। हालांकि राजीव गांधी की मृत्यु के बाद पत्नी सोनिया गांधी ने उनके द्वारा खींची गई तस्वीरों के संग्रह को किताब के रूप में दे दिया ताकि दुनिया को उनकी इस काबिलियत से अवगत कराया जा सके। राजीव की किताब का नाम ‘राजीव्स वर्ल्ड- फोटोग्राफ्स बाय राजीव गांधी’ है।
पूर्व पीएम राजीव गांधी की छवि हमेशा से ही साफ सुथरी और बेदाग थी। जब राजीव ने 1980 में राजनीति में कदम रखा तो उन्हें मिस्टर क्लीन नाम से जाना जाता था। शुरुआत से विदेश में पढ़ाई करने वाला एक नौजवान महज 40 साल की उम्र में राष्ट्रीय राजनीति की ऊंचाइयों तक पहुंच गया। हालांकि राजीव का राजनीति में आने के बाद उनका नाम कई बड़े घोटालों में आया, जिससे उनकी छवि खराब हो गई। कहा जाता है कि राजीव गांधी इकलौते ऐसे प्रधानमंत्री थे, जो खुद गाड़ी चलाकर बहुत सी चुनावी रैलियों में जाते थे.
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