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जानिए महान भारतीय तीरंदाज के बारे में जिन्होंने 100 से अधिक स्वर्ण जीता, आज ही के दिन हुआ जन्म

नई दिल्ली: सत्यदेव प्रसाद भारतीय तीरंदाज हैं। उन्होंने 2004 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में पुरुषों की व्यक्तिगत तीरंदाजी में हिस्सा लिया था। उन्होंने मलेशिया में आयोजित एशियाई टीम चैंपियनशिप में कांस्य पदक अपने नाम किया है। रोम वर्ल्ड चैंपियनशिप (1999), बीजिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप (2001) और न्यूयॉर्क वर्ल्ड चैंपियनशिप (2003) में भी हिस्सा लिया। सत्यदेव प्रसाद का […]

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जानिए महान भारतीय तीरंदाज के बारे में जिन्होंने 100 से अधिक स्वर्ण जीता, आज ही के दिन हुआ जन्म
  • September 19, 2022 12:02 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: सत्यदेव प्रसाद भारतीय तीरंदाज हैं। उन्होंने 2004 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में पुरुषों की व्यक्तिगत तीरंदाजी में हिस्सा लिया था। उन्होंने मलेशिया में आयोजित एशियाई टीम चैंपियनशिप में कांस्य पदक अपने नाम किया है। रोम वर्ल्ड चैंपियनशिप (1999), बीजिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप (2001) और न्यूयॉर्क वर्ल्ड चैंपियनशिप (2003) में भी हिस्सा लिया।

सत्यदेव प्रसाद का जन्म 19 सितम्ब 1979 में ब्लैक पॉटरी के लिए मशहूर निजामाबाद कस्बे में स्व. रामाप्रसाद बरनवाल के घर में हुआ. इनके माता-पिता ने बालक की प्राचीन भारतीय संस्कृति के प्रति रुचि को देखते हुए गुरुकुल पद्धति से शिक्षा दिलाने की सोचा। सत्यदेव को 11 वर्ष की आयु में मेरठ के भोलझाल के समीप गुरुकुल आश्रम में वर्ष 1991 में अध्यसन के लिए भर्ती कराया। वर्ष1993 में शिक्षा प्राप्त करते हुए लकड़ी के तीर धनुष से आश्रम के संचालक स्वामी विवेकानन्द सरस्वती की निगरानी में तीरंदाजी का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया। अपनी मेहनत और लगन से सत्यदेव अपनी मंजिल की ओर ढ़ने लगा।

सत्यदेव ने राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतिस्पर्धाओं में 100 से अधिक स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक हसिल कर कीर्तिमान स्थापित कर दिया।

1. वर्ष 1994 मे पहली बार जूनियर राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में चैम्पियन बने।
2. वर्ष 1998 में बैंकांक में एशियन गेम्स में पदक प्राप्त किए।
3. वर्ष 1999 में पेरिस के आयोजित तीरंदाजी विश्वकप में भाग लेकर उत्कृष्ट प्रदर्शन किए।
4. वर्ष 2004 में एथेंस ओलम्पिक में हिस्सा लेते हुए कुछ ही प्वाइंट के अन्तर से कास्य पदक पाने से चूके।

वर्ष 2000 में सत्यदेव प्रसाद का चयन आईटीबीपी में इंस्पेक्टर पद पर हो गया। उन्होंने 2015 में इंस्पेक्टर पद से त्यागपत्र देकर कोलकाता में तीरंदाजी प्रशिक्षक पद ग्रहन कर लिया। 2 वर्ष कलकत्ता में रहने के बाद मेरठ में प्रशिक्षक पद पर रहे। दिल्ली में अभी खेल मंत्रालय से जुड़े हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश तीरंदाजी संघ के सचिव भी हैं।

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