नई दिल्ली: प्रभा अत्रे भारत की किराना घराने की प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय संगीत गायिका हैं। शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाना उनका एक सपना है और उनका कहना है कि इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। प्रभा अत्रे को संगीत के क्षेत्र में योगदान के लिए देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण […]
नई दिल्ली: प्रभा अत्रे भारत की किराना घराने की प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय संगीत गायिका हैं। शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाना उनका एक सपना है और उनका कहना है कि इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। प्रभा अत्रे को संगीत के क्षेत्र में योगदान के लिए देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण (2022) से सम्मानित किया गया है। प्रभा अत्रे भारतीय शास्त्रीय संगीत के विषय पढ़ाती आ रही हैं। इनके अलावा विदेशों में कई यूनिवर्सिटी के वे विज़िटिंग प्रोफेसर रही हैं। उनके नाम 11 पुस्तकें एक चरन में जारी करने का विश्व रिकॉर्ड है।
प्रभा अत्रे मूल रूप से महाराष्ट्र के पुणे में 13 सितम्बर वर्ष 1932 को एक साधारण परिवार में हुई है. वह शास्त्रीय परंपरा की शीर्ष गायिकाओं में मसहूर हैं।वैश्विक स्तर पर भारतीय शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाने में प्रभा अत्रे की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रभा अत्रे उन कलाकारों मे से हैं जिन्हें संगीत के विधाओं में महारत हासिल की है, जैसे- खयाल, ठुमरी, दादरा, गजल और गीत आदी
प्रभा अत्रे ने साइंस से ग्रेजुएशन करने के बाद लॉ की शिक्षा भी ली है। प्रभा ने गंधर्व विद्यालय से संगीत अलंकार हैं। साथ ही संगीत डॉक्टरेट की डिग्री भी हासिल की है। उन्होंने लंदन के ट्रिनिटी कॉलेज से वेस्टर्न म्यूजिक की शिक्षा ली है।
प्रभा अत्रे ने संगीत के विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकें लिखी हैं। उनके द्वारा पहली किताब लिखी गई स्वरामयी है। स्वरामयी उसके संगीत पर लिखे गए लेख का एक संकलन रुप है।
शास्त्रीय संगीत को दुनियाभर में एक नई पहचान देने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया है। संगीत जगत में जाने-माने पुरस्कारों के साथ भारत सरकार ने उन्हें 1990 में ‘पद्म श्री’ और 2002 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया था। वर्ष 2022 में प्रभा अत्रे को पद्म विभूषण से नवाजा गया है।
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