ओम पैठाने ने बताया कि एक रिटायर्ड कर्नल ने उनकी कैब को काम पर रखा था. जब ओम ने रिटायर्ड कर्नल से बात की, तो बातों ही बातों में कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (सीडीएस) परीक्षा के बारे में पता चला. जिसके बाद ओम ने इस परीक्षा के बारे में सोचा. ओम ने बताया कि जब उन्होंने इस परीक्षा के बारे में अधिक बातें जानने के लिए रिटायर्ड कर्नल को कॉल किया तो उनका काफी सपोर्ट मिला. ओम पैठाने, ओला कैब ड्राइवर
मुंबई. महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले जीसी ओम पैठाने ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है. जिसके पाने का सपना ज्यादातर भारतीय युवाओं की आंखों में होता है. जी हां उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और सतत लगन के दम पर कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (सीडीएस) की परीक्षा दी और आर्मी कैडेट बन गए हैं. बता दें कि ओम पैठाने पहले ओला कैब चलाते थे. उनका कैब ड्राइवर से भारतीय सैन्य अधिकारी बनने तक का सफर काफी दिलचस्प और चुनौतियों भरा रहा है.
अपनी इस सफलता के बारे में ओम पैठाने ने मीडिया को बताया कि उनके पिता भी कैब चलाते थे. लेकिन पिता के एक सड़क दुर्घटना में दोनों पैर गंवाने के बाद परिवार की सारी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई. कुछ दिन ओम ने छोटा मोटा काम किया, लेकिन बाद में वो पिता की तरह कैब चलाने लगे. साथ ही उन्होंने अपनी शिक्षा भी जारी रखी. कैब चलाने के दौरान बीएससी कंप्यूटर साइंस पूरी की. लेकिन एक दिन एक रिटायर्ड कर्नल उनकी कैब में बैठे, जिनसे बातचीत के बाद ओम पैठाने की जिंदगी ही बदल गई.
बकौल ओम पैठाने वो रिटायर्ड कर्नल की बातों से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने सैन्य अधिकारी बनने की ठान ली. ओम पैठाने ने बताया कि कर्नल ने मेरी बहुत मदद की. उनसे फोन पर लगातार मार्गदर्शन मिलता रहा. ओम बताते हैं कि 2016 में उन्होंने सीडीएस की परीक्षा पहले प्रयास में ही पास कर ली. उसके बाद एसएसबी परीक्षा पास करने के बाद भारतीय सैन्य अधिकारी की एक साल की ट्रेनिंग के लिए सलेक्ट हुए.
बता दें ओम पैठाने आफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी, चेन्नई में ट्रेनिंग ले रहे हैं. 10 मार्च 2018 को पासिंग आउट परेड के बाद उन्हें भारतीय सेना अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा. बता दें कि इस साल 257 कैडेट्स को भारतीय सेना अधिकारी के तौर पर चुना गया था. पैठाने भी उन कैडेट्स में से एक हैं जिनकी ट्रेनिंग आफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी, चेन्नई में चल रही है.
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