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Conman Sukesh:जानिए मकोका कानून के बारे में, जिसके तहत जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर को मिलेगी सजा

नई दिल्लीः महाठग सुकेश चंद्रशेखर अभी दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। ठग सुकेश पर नामचीन हस्तियों से ठगी और जबरन वसूली के साथ – साथ मकोका के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। इस ठग से जुड़ी अभिनेत्रियों से लगातार पूछताछ जारी है। आज EOW ने जैक्लीन को दुबारा बुलाया है। वहीं […]

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Conman Sukesh chandrasekhar
  • September 19, 2022 10:20 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्लीः महाठग सुकेश चंद्रशेखर अभी दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। ठग सुकेश पर नामचीन हस्तियों से ठगी और जबरन वसूली के साथ – साथ मकोका के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। इस ठग से जुड़ी अभिनेत्रियों से लगातार पूछताछ जारी है। आज EOW ने जैक्लीन को दुबारा बुलाया है। वहीं नोरा फतेही से पूछताछ हो चुकी है।

ठगी, जबरन वसूली और मकोका

आर्थिक अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों ने सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ ठगी और एक्सटॉर्शन के मामले के साथ ही उस पर मकोका के तहत भी एफआईआर दर्ज है। मकोका केस में पुलिस चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है। इस मामले में अब एक पूरक आरोप पत्र (सप्लीमेंट्री चार्जशीट ) दाखिल होगी। जिसके चलते सुकेश से जुड़े मॉडल और फिल्म अभिनेत्रियों से पुलिस पूछताछ कर रही है। जिसमें नोरा फतेही, जैक्लीन फर्नांडीस, निकिता तंबोली, चाहत खन्ना, सोफिया सिंह और अरुषा पाटिल के नाम शामिल है।

क्या है मकोका?

मकोका (MCOCA)का पूरा नाम महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट है। इस एक्ट को महाराष्ट्र सरकार ने वर्ष 1999 में लागू किया था। इस कानून के अंतर्गत सरकार को राज्य के अंदर संगठित अपराध को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। बता दें कि मकोका एक्ट उन कुख्यात अपराधियों, गैंगस्टरों एवं अंडर वर्ल्ड डॉन पर लगाया जाता है। जो किसी संगठित अपराध में शामिल हों। जैसे अंडरवर्ल्ड से जुड़े अपराधी, जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण, हत्या या हत्या की कोशिश, धमकी सहित ऐसे गैरकानूनी काम जिससे बड़े पैमाने पर पैसे बनाए जाते हो।

सिर्फ दो राज्यो में है लागू

90 के दशक में महाराष्ट्र में संगठित अपराध बहुत बढ़ा हुआ था । इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार को एक सख्त कानून की जरूरत पड़ी। फलस्वरूप महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में मकोका एक्ट लागू किया। महाराष्ट्र के बाद साल 2002 में इसे दिल्ली में भी लागू किया गया। अभी यह कानून दिल्ली एवं महाराष्ट्र में लागू है।

5 साल से लेकर फांसी तक की सजा

पुलिस मकोका एक्ट किसी अपराधी पर संगठित अपराध में शामिल होने पर लगाती है। इस एक्ट को लगाने से पहले पुलिस को एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस से मंजूरी लेनी होती है। आमतौर पर आईपीसी की धारा के तहत जहां चार्जशीट दाखिल करने की अवधि 60 से 90 दिन है। वहीं मकोका कानून के अंतर्गत पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने के लिए 180 दिनों का समय मिल जाता है। मकोका के अंतर्गत अपराध साबित होने पर 5 साल की कैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है।

 

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