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जानिए गोल्ड हॉलमार्किंग जिसे लेकर सरकार बना रही है नए नियम

नई दिल्ली: भारत में सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग अब अनिवार्य है। सरकार ने 2 साल पहले ही भारत में सोने के आभूषणों की मार्किंग अनिवार्य कर दिया था। दो दशक पहले, हॉलमार्किंग को स्वैच्छिक आधार पर भारत में शुरू किया गया था। लेकिन अब भी बाजार में नकली हॉलमार्क के सोने के गहनों की […]

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जानिए गोल्ड हॉलमार्किंग जिसे लेकर सरकार बना रही है नए नियम
  • January 20, 2023 7:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: भारत में सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग अब अनिवार्य है। सरकार ने 2 साल पहले ही भारत में सोने के आभूषणों की मार्किंग अनिवार्य कर दिया था। दो दशक पहले, हॉलमार्किंग को स्वैच्छिक आधार पर भारत में शुरू किया गया था। लेकिन अब भी बाजार में नकली हॉलमार्क के सोने के गहनों की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है. सरकार इन सब पर विराम लगाने की तैयारी कर रही है। इससे आम लोगों को काफी नुकसान हो रहा है और दूसरा सरकार को राजस्व का नुकसान भी हो रहा है.

 

भारतीय मानक ब्यूरो, यानी बीआईएस, सोने के गहनों के हॉलमार्किंग को लागू करने के लिए नामित अथॉरिटी है। इस कदम से गहने व्यापार में पारदर्शिता आने और ग्राहकों के बीच विश्वास बढ़ने की उम्मीद है। वहीं सरकार हॉलमार्क वाले नकली सोने के गहनों के बाजार को निशाने पर ले रही है। कई खुदरा विक्रेताओं, हॉलमार्क फेडरेशन और अन्य बाजार संगठनों ने भी सरकार से इसकी शिकायत की है। इसे प्रतिबंधित करने के लिए नियम लाने में अब देरी हो रही है।

क्या है हॉलमार्किंग?

यह बीआईएस द्वारा जारी किया जाने वाला एक गुणवत्ता प्रमाण पत्र (क्वालिटी सर्टिफिकेट) है, जो किसी भी गहना में सोने की शुद्धता की गारंटी देता है। प्रमाणित केंद्रों में शुद्धता परीक्षण के आधार पर सभी रजिस्टर्ड जौहरियों को प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। 14, 18 और 22 कैरेट सोने के गहनों में हॉलमार्किंग की अनुमति है।

 

14 जून 2018 से लागू

भारत में हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने की प्रक्रिया चरणों में लागू की गई है। प्रारंभ में, इसे 256 जिलों में लागू किया गया था। बीआईएस हॉलमार्क योजना के तहत, एक जौहरी को हॉलमार्क वाले आभूषण बेचने के लिए रजिस्टर कराना होगा। लेकिन अब ये अनिवार्य हो गए हैं।

 

क्यों जरूरी है हॉलमार्किंग ?

आपको बता दें, हॉलमार्किंग की मदद से ग्राहक या गहनों का खरीदार सही निर्णय ले सकता है और सोना खरीदते समय आने वाली ठगी से बच सकता है। इससे लोगों का सोना खरीदने को लेकर भरोसा बढ़ा है। सरकार के अनुसार, यह सोने की विश्वसनीयता को बढ़ाती हैं और ग्राहकों की संतुष्टि को भी बढ़ाती हैं।

 

 

जानिए सोने में फ़र्क

सर्राफ़ा कारोबारी और गहनों की दुकान मालिक अनिल कुमार कहना है कि सोने की कीमतें अलग-अलग दुकानों पर अलग-अलग हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि दाम में फर्क होने के अंदर मेकिंग चार्ज, एसोसिएशन रेट और सर्राफा बाज़ार की तमाम बातें मायने रखती हैं. आपको बता दें, 24K गोल्ड में 99.9% सोना और 22K गोल्ड में 91.6% सोना होता है. साथ ही 18K गोल्ड में 75% गोल्ड होता है.

 

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