Kissan Andolan Update : जब से किसान नेता राकेश टिकैट मीडिया के सामने भावुक हुए उसके बाद देशभर से उन्हें फिर समर्थन मिलना शुरू हो गया है, मुजफ्फरनगर के जिला प्रमुख धीरज लटियान ने कहा कि मुजफ्फरनगर के सिसौली गांव में 5 हजार से ज्यादा किसान भारतीय किसान संघ नेता राकेश टिकैत के समर्थ में आकर बैठ गए हैं.
नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदेलन पिछले दो महीनों से चल रहा है. लेकिन, 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा, उत्पात, हुड़दंग और लाल किले पर अपना झंड़ा लहराने की घटना ने न केवल किसान आंदोलन की छवि बदल दी है बल्कि किसान नेताओं के बीच फूट भी डाल दी. इस बीच गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत मीडिया से बातचीत करते हुए भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े. उऩ्होंने बॉर्डर से हटने साफ इनकार कर दिया. वहीं गरुवार को शाम से ही सभी बॉर्डरों पर पुलिसकर्मियों और सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई थी. जिसके बाद तस्वीर साफ होने लगी थी कि अब किसानों को बॉर्डर खाली करने ही पड़ेगें लेकिन रातों रात यह तस्वीर बदल गई.
दरअसल, जब से किसान नेता राकेश टिकैट मीडिया के सामने भावुक हुए उसके बाद देशभर से उन्हें फिर समर्थन मिलना शुरू हो गया है, मुजफ्फरनगर के जिला प्रमुख धीरज लटियान ने कहा कि मुजफ्फरनगर के सिसौली गांव में 5 हजार से ज्यादा किसान भारतीय किसान संघ नेता राकेश टिकैत के समर्थ में आकर बैठ गए हैं. जिसके चलते एक बार फिर किसान आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है.
बता दें कि राकेश टिकैत के खिलाफ गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के लिए मामले में एफआईआर दर्ज की गई है. उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने बुधवार रात एक विरोध स्थल पर सो रहे किसानों का हटाने करने के लिए बल प्रयोग किया है. लेकिन पुलिस ने इन आरोपों से इनकार कर रही है. बागपत में दिल्ली-सहारनपुर राजमार्ग पर किसानों का विरोध प्रदर्शन 17 दिसंबर से शुरू हुआ था. वहीं प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस कर्मियों ने बुधवार देर रात उनके टेंट में प्रवेश किया और सो रहे किसानों पर लाठीचार्ज किया.