Kissan Andolan Latest Update : 26 जनवरी को राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन पर कई तरह के सवाल खड़े हुए थे. जिसके बाद प्रशासन ने प्रदर्शनस्थल खाली करवाने का आदेश जारी कर दिया था. जिसके बाद किसान नेता राकेश टिकैट मीडिया से बात करते हुए भावुक हो गए थे और रोने लगे थे. उन्होंने आंदोलन को तोड़ने के लिए षड्यंत्र का आरोप लगाया था.
नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमाओं को पिछले दो महीनों से घेर कर बैठे हुए हैं और किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. सभी किसान तीनों कानूनों को रद्द कराने की मांग पर अड़े हुए हैं. वहीं अब तक सरकार और किसानों के बीच कोई सुलहा नहीं हो पाई है. इस बीच बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने किसान नेता राकेश टिकैत को लेकर एक विवादित बयान दे दिया है. दरअसल, राकेश टिकैत ने विधायक और उनके समर्थकों पर आंदोलन कर रहे किसानों को धमकी देने और प्रदर्शन स्थल से जबरन हटाने का आरोप लगाया था. वहीं अब नंद किशोर गुर्जर ने राकेश टिकैत के आरोपों को नकारते हुए कहा है कि वह भारतीय किसान यूनियन के नेता से ज्यादा ‘बड़े किसान’ हैं. क्योंकि उनके पास ज्यादा जमीन है. इसके अलावा नंद किशोर ने राकेश टिकैत पर व्यक्तिगत हमला करते हुए कहा है कि टिकैत सिर्फ 2000 रुपये के लिए कहीं भी चले जाते हैं.
नंद किशोर गुर्जर ने आगे कहा कि मैं भी किसान हूं. राकेश टिकैत मुझसे बड़े किसान नहीं हैं. उनके पास मेरे जितनी जमीन भी नहीं है. राकेश टिकैत को माफी मांगनी चाहिए. वह देश के किसानों को नहीं बांट सकते. इतिहास इसे याद रखेगा. इसके अलावा उन्होंनो किसान आंदोलन के बारे में बात करते हिए कहा, कौन कहता है ये किसान हैं, आप जाएं और देखें, वहां राजनीतिक दलों से जुड़े लोग बैठे हैं, वो किसान भी हो सकते हैं और मजदूर भी.
नंद किशोर ने कहा, मैं टिकैत परिवार का सम्मान करता हूं, लेकिन कुछ लोग कहते हैं कि राकेश टिकैत तो 2000 रुपये के लिए कहीं भी चले जाते हैं. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. आप इस तरह के आरोप क्यों लगाते हैं? कल को आप कहेंगे कि आतंकवादी आपको मारने आए. किसान आंदोलन को लेकर आप बवाल और हंगामा कर रहे हैं ये ठीक नहीं है. आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए.
बता दें कि 26 जनवरी को राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन पर कई तरह के सवाल खड़े हुए थे. जिसके बाद प्रशासन ने प्रदर्शनस्थल खाली करवाने का आदेश जारी कर दिया था. जिसके बाद किसान नेता राकेश टिकैट मीडिया से बात करते हुए भावुक हो गए थे और रोने लगे थे. उन्होंने आंदोलन को तोड़ने के लिए षड्यंत्र का आरोप लगाया था. साथ ही कुछ राजनीतिक पार्टीयों का भी हाथ बताया था.