नई दिल्ली: कर्ज माफी सहित 21 मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों की दिल्ली-यूपी गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस से झड़प हो गई. किसानों ने पुलिस बैरिकेडिंग हटाने की कोशिश की. प्रदर्शन हिंसक होते देख इन्हें काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैंस के गोले और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा. किसान राजघाट से लेकर संसद कर पैदल मार्च करना चाहते हैं. लाखों की तादाद में किसान दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर डटे हुए हैं. हरिद्वार से भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसान क्रांति पदयात्रा निकली है. इस आंदोलन के चलते पूर्वी दिल्ली में धारा-144 लागू कर दी गई है, जो 8 अक्टूबर तक लागू रहेगी.
इस क्षेत्र में पांडव नगर, गाजीपुर, मंडावली, मधु विहार, प्रीत विहार, न्यू अशोक नगर, मयूर विहार, कल्याणपुरी, जगतपुरी जैसे थाने आते हैं. दिल्ली पुलिस लगातार यूपी पुलिस से भी संपर्क में है, ताकि प्रदर्शनकारी दिल्ली में न घुस सकें. एक वरिष्ठ पुलिस अफसर का कहना है कि किसानों ने प्रदर्शन के लिए कोई इजाजत नहीं मांगी है.
इस मामले पर राजनीतिक पार्टियों ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, किसानों को दिल्ली में घुसने देना चाहिए. क्यों उन्हें दिल्ली में घुसने से रोका जा रहा है. यह गलत है. हम किसानों के साथ हैं. वहीं यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा, सरकार ने किसानो से किया हुआ वादा पूरा नहीं किया है तो जाहिर सी बात है कि किसान आंदोलन करेंगे. यह दुर्भाग्यपूर्ण है और हम किसानों का पूरा समर्थन करते हैं.
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